रेलवे अधिकारियों के मुताबिक हेज्जला गांव में अगले साल दिसम्बर तक आपदा प्रबंधन संस्थान को स्थापित करने की योजना है। इस पर करीब ४५ करोड़ रुपए व्यय होगा।
जली हुई बोगियां भी होंंगी
संस्थान में कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने के लिए हादसे का नाटकीय रुपांतरण भी तैयार किया जाएगा। इसमें नदियों में ट्रेन के गिरने और आग लगने के हादसे भी शामिल होंगे। इसके लिए बेकार हो चुके सामनों का उपयोग रेलवे करेगा। इसका उद्देश्य राहत और बचाव कार्य में सुधार करना होगा।
एक अधिकारी ने कहा कि यह सुरक्षाकर्मियों द्वारा समय-समय आतंककारी हमलों या आपदा से निपटने के लिए किए जाने वाले पूर्वाभ्यास की तरह ही होगा। सैद्धांतिक कक्षाओं के साथ व्यावहारिक तौर पर प्रशिक्षण के लिए विभिन्न परिस्थितियों और रेल हादसों के वास्तविक दृश्यों में प्रशिक्षण देने के लिए सुरक्षा गांव की अवधारणा की परिकल्पना की गई।
इसके लिए बोगियों, पहियों और इंजन जैसे बेकार हो चुके पुराने साजो सामान को विभिन्न औजारों तथा उपकरणों के साथ सुरक्षा गांव तैनात किया जाएगा ताकि व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जा सके। बेंगलूरु ग्रामीण जिले में आने वाले हेज्जला गांव की आबादी सिर्फ साढ़े तीन हजार है।
रेल के सामने कूद कर आत्महत्या की
बंगारपेट रेल पुलिस थानांतर्गत कामसमुद्रा गांव के निकट रविवार सुबह राचेनहल्ली निवासी एक युवक ने रेल के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली। मृतक का नाम अश्वथ रेड्डी (25) बताया गया है। बंगारपेट पुलिस ने मामला दर्ज कर मृतक का शव अंत्यपरीक्षण के पश्चात परिजनों को सौंप दिया है। आत्महत्या का कारण पता नहीं चल सका है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।