वहीं बुधवार को बारिश में कमी आने से कोडग़ु, चिकमगलूरु आदि वर्षा प्रभावित क्षेत्र के लोगों को राहत मिली। बावजूद इसके पूरे क्षेत्र में बारिश के बाद का भयावह मंजर देखा जा सकता है। एक ओर बेंगलूरु और मेंगलूरु के बीच सडक़ सम्पर्क भंग हो गया है, वहीं कई ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित हुई है। बिजली के करीब दो हजार खंभे उखड़ जाने के कारण दर्जनों गांवों में बिजली आपूर्ति बाधित है। कई क्षेत्रों में पिछले ४८ घंटों से फोन सम्पर्क भी बाधित है।
चारमाडी घाट में १४ जगहों पर भूस्खलन होने के कारण करीब १५०० वाहन जहां तहां फंसे रहे। स्थानीय प्रशासन के अनुसार ज्यादातर छोटे वाहनों को वैकल्पिक रास्तों से उनके गंतव्य की ओर रवाना किया गया है, लेकिन ट्रक जैसे कुछ भारी वाहन अभी भी फंसे हुए हैं। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार रुक-रुककर बारिश होते रहने के कारण राहत कार्यों में परेशानी आ रही है। हालांकि उम्मीद है कि अगर फिर से भूस्खल नहीं हुआ तो १५ जून के बाद एनएच ४८ पर आंशिक रूप से वाहनों का परिचालन शुरू हो जाएगा।
कोडुगू में जनजीवन बेहाल
कोडुगू जिले में हो रही मूसलाधार बारिश के कारण जिले की सभी नदियां उभनाई हुई हैं। विराजपेट में मकुट्टा नदी का पानी सडक़ पर फैले जाने के कारण विराजपेट के रास्ते कर्नाटक से केरल जाने का सडक़ मार्ग बाधित हो गया। वहीं सैंकड़ों एकड़ में कॉफी, अदरक और सुपारी की फसल को बारिश से नुकसान पहुंचने की संभावना है।
जिले में हो रही भारी बारिश को देखते हुए जिला प्रशासन ने बुधवार को स्कूल और कॉलेजों में छुट्टी की घोषणा की थी। पिछले चौबीस घंटों में मडिकेरी में १०२.५५ मिमी, विराजपेट में १७६.३२ मिमी और सोमवारपेट में २९.०८ मिमी बारिश हुई। जिले में औसत १०२.६५ मिमी बारिश हुई।
सेना के जवानों ने की मदद
कोडग़ु-कन्नूर राष्ट्रीय राजमार्ग पर भूस्खलन और जल जमाव से से बंद यातायात को सुचारु करने और लोगों की मदद के लिए में सेना के जवानों ने भी मदद की। लेफ्टिनेंट कर्नल तीर्थंकर के नेतृत्व में राहत एवं बचाव कार्य चला।