नया कानून बनाया जाएगा
मंत्री ने कहा कि आवास योजनाओं में भ्रष्टाचार पर रोक लगाने और योग्य लोगों को छत मुहैया करवाने के लिए नया कानून पारित करके लागू किया जाएगा। इस कानून में गलतियां करने वालों के खिलाफ आपराधिक मुकदमें दायर करके सजा देने के प्रावधान किए जाएंगे। भविष्य में आवास योजनाओं के लाभार्थियों का चयन न केवल ग्राम सभाओं में होगा बल्कि पक्षपात व भेदभाव की जांच भी करवाई जाएगी।
उन्होंने कहा कि लाभार्थियों के चयन की जांच की जिम्मेदारी विधायकों को सौंपी जाएगी लेकिन पंचायतों के चयन अधिकारों को छीना नहीं जाएगा। ग्राम पंचायतों द्वारा तैयार की गई लाभार्थियों की सूची का तहसीलदार व तालुक सीईओ निरीक्षण करने के बाद जिला पंचायत के सीईओ के पास भेंजेंगे और इसके बाद जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली समिति की सहमति मिलने के बाद सूची को स्वीकृति प्रदान की जाएगी।
छह सालों में 14 लाख आवासों का निर्माण पूर्ण
सोमण्णा ने कहा कि मकानों के आवंटन में पारदर्शिता लाने के लिए मोबाइल एप्प का इस्तेमाल किया जा रहा है। पिछले छह सालों में 28 लाख आवास मंजूर हुए हैं जिनमें से 14 लाख मकानों का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है। 6 लाख मकानों का निर्माण विभिन्न चरणों में प्रगति पर है और शेष 6 लाख मकानों की मंजूरी को वापस लिया जाएगा।
बेंगलूरु में 432 झुग्गी बस्तियां
उन्होंने कहा कि सभी को आवास उपलब्ध करवाने के साथ ही राज्य को झुग्गी मुक्त बनाने का संकल्प लिया गया है। बेंगलूरु में 432 झुग्गी बस्तियां हैं जहां करीब 3.5 लाख लोग रहते हैं। अगले एक साल में बेंगलूरु में एक लाख मकानों का निर्माण होगा और झुग्गी बस्तियों की संख्या घटाकर 150 तक लाने का प्रस्ताव किया गया है।
अगले तीन सालों में राज्य को झुग्गी मुक्त बनाने के प्रयास के तहत 80 फीसदी प्रगति हासिल करने का लक्ष्य रखा गया है। 2.50 लाख मकानों के निर्माण के लिए पहले ही कार्य आदेश जारी कर दिया गया है। कर्नाटक आवासन बोर्ड की तरफ से होसकोटे, चल्लघट्टा, मैसूरु सहित 8 स्थानों पर गरीब व मध्यम वर्ग के लोगों के लिए 1 व 2 बैडरूम के 4 हजार मकान बनाकर आवंटित किए जाएंगे और अगले तीन सालों तक इन मकानों का रख- रखाव भी किया जाएगा।