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भ्रष्टाचार के दीमक से खस्ताहाल सहकारी क्षेत्र

locationबैंगलोरPublished: May 10, 2021 05:35:18 am

Submitted by:

Sanjay Kulkarni

14 हजार से अधिक बैंक घाटे में

भ्रष्टाचार के दीमक से खस्ताहाल सहकारी क्षेत्र

भ्रष्टाचार के दीमक से खस्ताहाल सहकारी क्षेत्र

बेंगलूरु. भ्रष्टाचार के दीमक ने सहकारिता क्षेत्र को खोखला कर दिया है। राज्य के 14 हजार से अधिक बैंक घाटे में चल रहे हैं और 3 हजार से अधिक निष्क्रिय हैं। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार राज्य में 45 हजार 571 सहकारी संघों में से 14 हजार 265 संघों की ओर से संचालित बैंक घाटे में चल रहे हैं। 4,212 संघ को न नफा हो रहा है न नुकसान, 2521 बैंक निष्क्रिय हैं। मुनाफा कमाने वाले सहकारी बैंकों की संख्या लगातार घट रही है।
संघों को नोटिस जारी
सहकारीता मंत्री एसटी सोमशेखर के अनुसार सहकारी क्षेत्र में पंजीकृत संस्थाओं को प्रति वर्ष पंजीयन का नवीनीकरण कराना अनिवार्य है। लेकिन राज्य में सैकड़ों सहकारी संघ वार्षिक पंजीकरण नहीं कर रहे हंै। परिणाम स्वरूप सरकार को पंजीयन शुल्क से होने वाली आय भी नहीं मिल रही है। हाल में ऐसे संघों को नोटिस जारी किया गया है।
बीदर में सबसे अधिक संघ निष्क्रिय
निष्क्रिय सहकारी संघों के मामले में बीदर जिला राज्य में अव्वल है। जिले में 342 सहकारी संघ निष्क्रिय हैं। बेलगावी में 232, रायचूरु में 237, यादगिर में 215, धारवाड़ में 156, कलबुर्गी में 121, कोप्पल में 117, चामराजनगर में70, धारवाड़ में 35, विजयपुर में 35 कारवार में 21 मेंगलूरु में 16 समेत राज्य में पंजीकृत 2,521 सहकारी संघ निष्क्रिय है।
घाटे में होने का प्रमुख कारण
सहकारिता क्षेत्र के विशेषज्ञ टी.जवरेगौड़ा के मुताबिक सहकारी संघों के घाटे के लिए सबसे प्रमुख कारण भ्रष्टाचार है। इस व्यवस्था में भ्रष्टाचार करने वालों को सजा दिलाने की कोई प्रभावी व्यवस्था नहीं होने से सहकारी क्षेत्र चरमरा रहा है। साथ में निर्वहण व्यवस्था में खामियां, कई सहकारी बैंकों में निवेशकों की सावधि जमा राशि नहीं लौटाने के कारण लोग सहकारी बैंकों में जमा राशि रखने से कतरा रहे हैं। कई संघ अधिक ब्याज अर्जित करने के लिए उपभोक्ताओं की राशि अन्य बैंकों में जमा कर रहे हैं। इसके अलावा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर ऋण वितरण किए जाने से इस क्षेत्र के बैंक घाटे में चल रहे हैं।
सहकारी क्षेत्र का राज्यव्यापी नेटवर्क
कर्नाटक राज्य सहकारी महासंघ में विभिन्न 50 श्रेणी के संघ सहकारी क्षेत्र में पंजीकृत है। इसमें 15 बहुराज्यीय सहकारी संघ, 21 जिला सहकारी बैंक, 180 ग्रामीण बैंक, 5 हजार 844 कृषि सहकारी बैंक, 43 रेशम उत्पादक किसान बैंक, 105सहकारी ग्रीन बैंक, 245 नगर (अर्बन) सहकारी बैंक, 1258 विभिन्न प्रशासनिक विभागों के कर्मचारियों की ओर से संचालित बैंक, 106 विपणन सहकारी बैंक, 37 चीनी मिल, 156 प्रसंस्करण सहकारी संघ समेत 44 हजार 517 संघ पंजीकृत हैं। सहकारी विभाग के सूत्रों के अनुसार राज्य में 4 हजार 285 ऐसे संघ हैं, जिनका वार्षिक लेखा-जोखा नहीं हो रहा है।
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