scriptरैपिड एंटीजन जांच किफायती लेकिन फॉल्स निगेटिव परिणाम ज्यादा | rapid antigen false negative results increases dependency on RT-PCR | Patrika News

रैपिड एंटीजन जांच किफायती लेकिन फॉल्स निगेटिव परिणाम ज्यादा

locationबैंगलोरPublished: Oct 26, 2020 08:30:07 pm

Submitted by:

Nikhil Kumar

– आरटी-पीसीआर जांच पर बढ़ी निर्भरता

RT PCR TEST

RT PCR TEST

बेंगलूरु. कोविड मरीजों की पहचान के लिए रैपिड एंटीजन किफायती और त्वरित परिणाम देने वाला जांच है। लेकिन फॉल्स निगेटिव परिणामों ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है। स्वास्थ्य विभाग और कई चिकित्सकों के अनुसार रैपिड एंटीजन जांच (आरएटी) में फॉल्स निगेटिव या फॉल्स पॉजिटिव के मामले बढ़े हैं। इसलिए विभाग ने अब ज्यादा से ज्यादा आरटी-पीसीआर जांच करने का निर्णय लिया है। गत एक सप्ताह से आरटी-पीसीआर की हिस्सेदारी 78 फीसदी से ज्यादा रही है।

आरटी-पीसीआर करीब 78 फीसदी
16 अक्टूबर से 22 अक्टूबर तक जांचे गए कुल 7,03,795 कोविड सैंपल में 1,52,036 सैंपल की आरएटी और 5,51,759 सैंपल की आरटी-पीसीआर जांच हुई। आरएटी की हिस्सेदारी 21.60 फीसदी और आरटी-पीसीआर की हिस्सेदारी 78.39 फीसदी रही है।

आरटी-पीसीआर को लेकर भी सावधानी बरतने की जरूरत
प्रक्रिया अस्पताल के निदेशक डॉ. के. आर. माधव ने बताया कि चिकित्सकों को अतिरिक्त सावधानी बरतनी होगी। आरटी-पीसीआर की निगेटिव या पॉजिटिव कोरोना रिपोर्ट भी गलत हो सकती है। विशेष कर उन मामलों में जब जांच जल्दी की गई हो। क्योंकि वायरल लोड कम होने की स्थिति में सैंपल में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि नहीं होती है। जांच के लिए थ्रोट स्वाब लेने का तरीका गलत हो तब भी रिपोर्ट के फॉल्स पॉजिटिव या फॉल्स निगेटिव होने की संभावना रहती है।

99 फीसदी रिपोर्ट सही
स्वास्थ्य विभाग भी ऐसे मामलों को लेकर चिंता में है। अधिकारियों के अनुसार कम वायरल लोड या जांच के तरीके भी रिपोर्ट प्रभावित करते हैं। आरटी-पीसीआर के 99 फीसदी रिपोर्ट सही आ रहे हैं। कुछ मामलों के कारण जांच प्रणाली पर सवाल उठाना सही नहीं है।

हम लड़ाई के बीच
नए मामलों में कमी के बावजूद कोविड समाप्त नहीं हुआ है और हम लड़ाई के बीच में हैं। ज्यादा से ज्यादा आरटी-पीसीआर जांच, हैंड सैनिटाइजेशन और सामाजिक दूरी नियमों के पालन से ही शेष लड़ाई जीती जा सकती है। लोगों का सहयोग जरूरी है।
-मुनीश मौदगिल,
प्रदेश कोविड वॉर रूम प्रमुख।

समय रहते पहचान व उपचार में मदद
प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा लोगों की आरटी-पीसआर जांच होगी। अन्य राज्यों में आरएटी जांच ज्यादा हो रहे हैं। लेकिन कर्नाटक ने ज्यादा भरोसेमंद आरटी-पीआर पर निर्भरता बढ़ाई है। इससे मरीजों की समय रहते पहचान व उपचार में मदद मिली है।
-डॉ. के. सुधाकर,
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण व चिकित्सा शिक्षा मंत्री।

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