भूमि टाइटल बीमा एक बीमा उत्पाद है जो संपत्ति के टाइटल से संबद्ध किसी प्रकार के दोष के कारण होने वाले नुकसान से बिल्डरों और खरीदारों दोनों को सुरक्षा प्रदान करता है। हालांकि बीमा निर्धारण की दर अब तक तय नहीं हो पाई है, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि बीमा प्रदाता कंपनियां भूमि मूल्य का ०.१ प्रतिशत वार्षिक प्रीमियम के रूप में ले सकती है। चूंकि बीमा कंपनियां ०.१ प्रतिशत प्रीमियम लेंगी तो इसका सीधा असर संपत्ति खरीददारों पर पड़ेगा और संपत्ति की कीमत बढ जाएगी।
भूमि टाइटल बीमा की अनिवार्यता को लागू करने पर फिलहाल रियल एस्टेट उद्योग की ओर से कोई शिकायत नहीं आ रही है, क्योंकि रेरा के साथ बीमा अनिवार्यता जुड़ जाने से यह रियल एस्टेट व्यवसाय को संपत्ति नुकसान की स्थिति में जरूरी सुरक्षा प्रदान करेगा। साथ ही उद्योग जगत का कहना है कि भूमि टाइलट बीमा से संपत्ति की कीमतें कुछ हद तक महंगी होंगी। हालांकि दीर्घावधि की सुरक्षा को देखते हुए यह एक स्वागत योग्य कदम है, क्योंकि यह पारदर्शी लेनदेन और स्थिरता के लिए आवश्यक उत्तरदायित्व प्रदान करेगा। इससे संपत्ति की कीमतें भले ही मामूली रूप से बढ़ेंगी, लेकिन खरीददारों को लम्बे समय के लिए सुरक्षित निवेश का रास्ता साफ होगा।
उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि रेरा के साथ भूमि टाइटल बीमा न सिर्फ संपत्ति खरीददारों को बल्कि बिल्डरों को भी धोखाधड़ी से बचाएगा। चूंकि अब तक कोई बीमा कंपनी इस प्रकार का सुरक्षा कवच प्रदान नहीं कर रही थी, इसलिए यह चलन में नहीं था। हालंाकि रेरा के साथ भूमि टाइलट बीमा की अनिवार्यता को लागू करने के लिए अब कई बीमा कंपनियां आगे आ रही हैं, इसलिए आने वाले समय में नई परियोजनों के दस्तावेजों को पूरी तरह से सत्यापित करने का अवसर बढ़ेगा और धोखाधड़ी होने की गुंजाइश कम हो जाएगी।