जानकारों का कहना है कि राज्य के सभी रजिस्ट्रार कार्यालयों में पंजीकरण में कमी आई है। इसका एक प्रमुख कारण संपत्तियों के मार्गदर्शन मूल्य में किया गया संशोधन माना जा रहा है। हालांकि, अधिकारियों ने आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया है कि मार्गदर्शन मूल्य में केवल 5 से 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
राज्य में रियल एस्टेट के प्रमुख बाजारों में बेंगलूरु, मैसूरु, मेंगलूरु, हुब्बल्ली-धारवाड़, बेलगावी जैसे शहर हैं। इसमें बेेंगलूरु को छोडक़र सभी राज्य के सभी शहर टियर-२ और टियर-३ श्रेणी में आते हैं, जहां रियल एस्टेट का सीमित कारोबार है। मार्गदर्शन मूल्य में संशोधन के कारण टियर-२ और ३ श्रेणी के शहरों में संपत्ति में निवेश करने वालों की संख्या प्रभावित हुई है।
दक्षिण कर्नाटक में बेंगलूरु के बाद मैसूरु सबसे बड़ा रियल एस्टेट बाजार है। रियल एस्टेट कारोबारियों का मानना है कि संशोधन का दायरा ५ से २५ प्रतिशत तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह कुछ क्षेत्रों में १०० फीसदी बदल गया है।
सेल डीड लेखक उदय कुमार का मानना है कि मैसूरु के रिंग रोड से जुड़े शहर के पूर्वी क्षेत्र में संशोधन उपरांत १०० प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई है। इस कारण प्रॉपर्टी बाजार को जोरदार झटका लगा है और नोटबंदी तथा जीएसटी के थपेड़ों के बाद एक बार फिर से कारोबार थम गया है।
कुछ समय में संभल जाएगा बाजार
के्रडाई मैसूरु के के. श्रीराम का कहना है कि मार्गदर्शन मूल्य में संशोधन से रियल एस्टेट बाजार को लगा झटका अस्थायी है। अगले कुछ महीनों में सबकुछ सामान्य हो जाने की संभावना है।
उन्होंने कहा कि वर्ष-२००८ में भी जब वैश्विक मंदी आई थी तब भी बाजार में इसी प्रकार का हाहाकार देखा गया था, लेकिन कुछ समय के बाद सब कुछ फिर से पटरी पर आ गया। इस बार भी संशोधन का असर अस्थायी है और कुछ समय में ही बाजार सामान्य हो जाएगा।
धनुर्मास के कारण भी नरमी
पिछले कुछ वर्षों में लेनदेन की दरों को आधार बनाकर संपत्ति मार्गदर्शन मूल्य तय किए जाते हैं। अधिकारियों का कहना है कि संशोधित दर लागू होने के बाद १ जनवरी से ही पंजीयन में गिरावट आई है। इसका एक कारण ‘धनुर्मास’ भी माना जाता है क्योंकि ज्योतिष के हिसाब से इसमें शुभ कार्य नहीं होते हैं। इसलिए धनुर्मास के बाद फिर से पंजीयन में तेजी की उम्मीद है।