सिद्धरामय्या सरकार ने लोकायुक्त की रिपोर्ट पर अवैध खनन और अयस्क की तस्करी मामले की जांच करने को पत्र लिखा था। चार साल बाद सीबीआइ ने सिद्धरामय्या सरकार को पत्र लिख कर बताया कि इस मामले की वह जांच नहीं कर सकती। इस मामले में बी.एस.येड्डियूरप्पा को इस्तीफा देकर जेल भी जाना पड़ा था।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने रेड्डी बंधुओं से आर्थिक लाभ प्राप्त किया है। इसलिए रेड्डी बधुओं की रक्षा करने के साथ उनसे उम्मीदवारों के समर्थन में चुनाव प्रचार करवा रही है। सीबीआइ ने इस मामले की जांच से इनकार करने पर सिद्धरामय्या सरकार ने विशेष जांच दल (एसआइटी) को गठित किया।
एसआइटी की जांच से पता चला है कि अयस्क को कारवार, नवा मेंगलूरु, गोवा के पणजी और मडगांव, तमिलनाडु के येन्नोर और चेन्नई, आंध्र प्रदेश के कृष्णपट्टणम, विशाखापट्टणम और काकिनाड़ा बंदरगाह से अयस्क को अवैध रूप से निर्यात किया था। उन्होंने कहा कि भाजपा ने येड्डियूरप्पा को पार्टी का अगला मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया, तो सीबीआइ ने येड्डियूरप्पा के खिलाफ सभी मामले बंद कर दिया। सीबीआइ ने बताया कि अयस्क निर्यात के मामले में कोई सबूत नहीं मिले है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस मोदी के सामने पांच सवाल रखे हैं। इनका जवाब देना होगा। कांग्रेस ने अयस्क निर्यात के आरोप का सामना कर रहे आनंद सिंह और नरेंद्र को टिकट दिया है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस मोदी के सामने पांच सवाल रखे हैं। इनका जवाब देना होगा। कांग्रेस ने अयस्क निर्यात के आरोप का सामना कर रहे आनंद सिंह और नरेंद्र को टिकट दिया है।
इसका मतलब यह नहीं कि सरकार उनकी रक्षा कर रही है। कांग्रेस चाहती है कि इस घोटाले में लिप्त सभी आरोपियों को सजा मिले इसलिए एसआइटी गठित की है। मोदी सरकार सीबीआइ और एनआइए का गलत इस्तेमाल कर रही है। आरोपियों को गिरफ्तार कर सजा दिलाने के बजाए उनकी रक्षा कर रही है।