इस फ्रिज को जरूरतमंदों को इसे नि:शुल्क इस्तेमाल करने का मौका उपलब्ध कराया गया है। छह फीट ऊंचे पब्लिक फ्रिज में चार रैक हैं। पहली दो रैकों को तैयार किए आहार को रखने तथा नीचे के दो रैक में फल, सलाद व सब्जी रखने के लिए मौका दिया गया है।
फ्रिज पर यह सूचना चिपकाई गई है कि किसी भी कारण अवधि पार आहार पदार्थों तथा मांस, मछली व फटे पैकेट दूध को नहीं रखें। ज्यादा होने पर बचने वाले आहार को इसमें रखना चाहिए ना कि खराब तथा झूठे आहार को नहीं रखने के नियमों को फ्रिज पर चिपकाया गया है।
इसमें रखे आहार को लेने वाले भी खाने योग्य है या नहीं इसकी जांच करने के बाद ही लेना चाहिए। कोई भी अपने विवेक का इस्तेमाल कर फ्रिज में रखे आहार पदार्थ को प्राप्त कर सकता है। यह सब फ्रिज पर लाल अक्षरों में लिखा गया है।
दपरे अधिकारी ने बताया कि प्रतिदिन रेलवे स्टेशन पर लाखों मुसाफिर आते-जाते हैं। अधिकतर मुसाफिर आहार पदार्थों को घर से ही लाते हैं। कुछ स्टेशन पर स्थित कैंटीन में नाश्ता व भोजन करते हैं।
इस प्रकार भोजन, नाश्ता करने के दौरान ज्यादा बचने वाले आहार को वहीं छोड़ जाते हैं, या फिर वहां स्थित कूड़ादान में फेंक कर बर्बाद करते हैं परन्तु इसे रेलवे स्टेशन के बाहर स्थित पब्लिक फ्रिज में रखने से भूख से परेशान कई लोग एक वक्त का निवाला खाकर खुश हो सकते हैं।
इसी उद्देश्य से दपरे ने नया प्रयोग शुरू किया है। दपरे में यह पहला प्रयोग हैै आगामी दिनों में बेंगलूरु, मैसूरु रेलवे स्टेशनों में इसे लागू किया जाएगा। इनका कहना है
गुणवत्तापूर्ण आहार पदार्थों को फेंकने के बजाए जरूरतमंद इन्हें प्राप्त कर सकें यही हमारा उद्देश्य है। खाने के लिए योग्य फल, आहार पदार्थ होने पर इसे फ्रिज में रखने के लिए स्टेशन पर स्थित कैंटीन मालिक को बताया गया है। इसके अलावा शहर के होटल मालिकों को भी इस बारे में बताया है। अतिरिक्त आहार बर्बाद नहीं हों, यही हमारा उद्देश्य है।
ई. विजया, मुख्य सार्वजनिक संपर्क अधिकारी, दपरे