scriptउम्र बढऩे के साथ धर्म रुचि बढऩी चाहिए: आचार्य महेन्द्र सागर | Religion interest should increase with age: Acharya Mahendra Sagar | Patrika News

उम्र बढऩे के साथ धर्म रुचि बढऩी चाहिए: आचार्य महेन्द्र सागर

locationबैंगलोरPublished: Mar 04, 2021 07:08:06 pm

आचार्य ने किया विहार

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हासन. आदिनाथ जैन श्वेताम्बर मूर्ति पूजक संघ में चार दिनों के प्रवास के बाद आचार्य महेन्द्रसागर सूरी आदि ठाणा ने विहार किया।
इस अवसर पर आचार्य ने कहा कि इच्छा बड़ी होने लगे तब समझ लेना बेटा बड़ा हो गया है। पहले वह दूध पीने से शान्त होता था, थोड़ा बड़ा हुआ तो चॉकलेट से, फिर खिलौने और बैटबॉल से शान्त होता है। जैसे उम्र बढ़ती है, वैसे इच्छा बढ़ती है।
छोटा लड़का वासक्षेप डलवाने परीक्षा में पास होने के लिए आता है। लखपति करोड पति इसलिए आशीर्वाद लेते हैं और अधिक धनवान बन जाएं। परन्तु वासक्षेप डलवाते यह कहना चाहिए कि मैं जैन हूं फिर भी परिग्रह की आशा छूटती नहीं है और आरंभ-समारंभ बढ़ाता जाता है।
उन्होंने कहा कि हमारी सोच होनी चाहिए कि ऐसा वासक्षेप डालिए कि जिससे अपरिग्रह की ओर आगे बढ़ें। घर दुकान में साधु के पगलिए करवाने हैं तब आपका आशय यह होना चाहिए कि सारे पापों का त्याग करके आप जैसे बन सकूं या अनीति से धंधा न करूं। जैसे जैसे आदमी बड़ा होता है, वैसे उसली इच्छा बड़ी होती है। मगर धार्मिक व्यक्ति ऐसा नही होगा। उम्र बढऩे के साथ उसकी धर्म रुचि, प्रवृत्ति की और झुकाव बढऩे लगता है।

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