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धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष पुरुषार्थ में धर्म का सर्वाधिक महत्व

locationबैंगलोरPublished: Jul 22, 2018 06:20:41 pm

Submitted by:

Ram Naresh Gautam

जैनाचार्य विजय रत्नसेन सूरीश्वर आदि 10 साधु साध्वी का चातुर्मास प्रवेश

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धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष पुरुषार्थ में धर्म का सर्वाधिक महत्व

मैसूरु. सुमतिनाथ श्वेताम्बर मूर्ति पूजक जैन संघ के तत्वावधान में जैनाचार्य विजय रत्नसेन सूरीश्वर आदि 10 साधु साध्वी का चातुर्मास प्रवेश शनिवार को महावीर भवन में हुआ। चर्च सर्कल से शुरू स्वागत यात्रा में विधायक एस ए रामदास, तनवीर सेत, एल नागेंद्र, डीसीपी विष्णुवर्धन, पार्षद राजलक्ष्मी आदि उपस्थित थे।
महावीर भवन में धर्मसभा में संघ अध्यक्ष अशोक दांतेवाडिय़ा ने स्वागत किया। इरोड के बादामीबाई चंपालाल राठौड़ परिवार ने आचार्य का पूजन किया। आचार्य द्वारा लिखित पुस्तक बारह चक्रवर्ती का विमोचन संघ के ट्रस्टी अशोक दांतेवाडिय़ा, मंगलचंद पोरवाल, बाबूलाल मुणोत, हंसराज पगारिया, भेरुलाल राठौड़, चंपालाल वाणीगोता आदि ने किया। रत्नत्रयी महिला मंडल व बाल मुुमुक्षा रक्षिता तथा समुतिनाथ जैन संगीत मंडल ने गुरुभक्ति गीत प्रस्तुत किए।
आचार्य ने कहा कि धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष पुरुषार्थ में धर्म का सर्वाधिक महत्व है। धर्म ही अर्थ, काम और मोक्ष को देने वाला है। परंतु काल क्रम से आज जीवन में धर्म पुरुषार्थ गौण हो गया है और मात्र अर्थ और काम पुरुषार्थ प्रधान बन रहा है। रविवार को सुबह 8 बजे आदिनाथ भगवान नूतन जिनालय के निर्माण कार्य शुभारंभ निमित्त स्नात्रपूजा का आयोजन होगा।
साध्वी प्रियरंजनाश्री के प्रवेश के उपलक्ष में शोभायात्रा

जिनकुशल सूरी जैन दादावाड़ी ट्रस्ट, बसवनगुड़ी के तत्वावधान में विमलनाथ जैन श्वेताम्बर मंदिर एवं जिनकुशलसूरी जैन दादावाड़ी के प्रांगण में शनिवार को साध्वी प्रियरंजनाश्री आदि ठाणा का चातुर्मास मंगल प्रवेश हुआ। प्रात: सिमंधर शांतिसूरी जैन मंदिर वीवीपुरम से साध्वी के प्रवेश के उपलक्ष में शोभायात्रा निकाली गई।
शोभायात्रा दादावाड़ी में दर्शन, वंदन के बाद आराधना भवन में पहुंचकर धर्मसभा में परिवर्तित हुई। इससे पहले दादावाड़ी में साध्वीवृंद का अक्षत से बधाने का, काम्बली एवं गुरुपूजन का लाभ सज्जनराज विनयकुमार विकासकुमार खटोड़ परिवार ने लिया। परमात्मा एवं गुरुदेव के चित्र के समक्ष माल्र्यापण एवं दीप प्रज्जवलन का लाभ पन्नालाल गौतमचंद कवाड़ परिवार तिरपातुर ने लिया।
साध्वी ने कहा कि प्रवेश का अर्थ होता है जीवन में परिवर्तन गठित होना हमने तो आज प्रवेश कर लिया है। आप से भी निवेदन है कि इस चातुर्मास के दौरान अपने जीवन में भी खान पान रहन-सहन विचारों में परिवर्तन कर ज्यादा से ज्यादा धर्म आराधना में जुड़ अपने जीवन को पवित्र एवं पावन बनाएं। सभा का संचालन अरविंद कोठारी ने किया। लाभार्थी का ट्रस्ट मंडल की ओर से सम्मान किया गया।
इस अवसर पर दादावाड़ी ट्रस्ट के अध्यक्ष महेन्द्रकुमार रांका, महामंत्री कुशलराज गुलेच्छा, रुपल गुलेचछा, पवनी बाफना, यशोदा गुलेच्छा, राजेन्द्र गुलेच्छा, अखिल भारतीय जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ युवक परिषद् के राष्ट्रीय महामंत्री प्रदीप श्रीश्रीमाल आदि की उपस्थिति रही।
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