आत्मा में छिपा है परमात्म स्वरूप
बैंगलोरPublished: Sep 25, 2018 10:38:26 pm
महावीर भवन में धर्मसभा
आत्मा में छिपा है परमात्म स्वरूप
जैनाचार्य विजय रत्नसेन सूरीश्वर के प्रवचन मैसूरु. महावीर भवन में जैनाचार्य विजय रत्नसेन सूरीश्वर ने धर्मसभा में नवकार महामंत्र की महत्ता विषय पर कहा कि दुनिया के सारे धर्मों के आचार विचारों में अनेक भेद देखे जाते हैं, फिर भी सभी धर्मों की एक मान्यता में समानता है कि जीवात्मा को पुण्य से सुख मिलता है और पाप से दुख मिलता है। उन्होंने कहा कि दुख कोई भी जीव नहीं चाहता है और सुख की चाहत सभी जीवों को है। सुख पाने के लिए पुण्य का बंध जरुरी है, जिनमें सबसे ज्यादा पुण्यबंध नमस्कार करने से है। नमस्कार करने योग्य आत्माओं का नमस्कार करने से सर्वाधिक पुण्यबंध होता। पंच परमेष्ठि भगवंत सर्वश्रेष्ठ नमस्करणीय पात्र है। नमस्कार महामंत्र में किसी व्यक्ति विशेष का नाम निर्देश नहीं है, परंतु जो भी नमस्कार करने योग्य गुण का धारक है, उन सभी को नमस्कार किया जाता है।
शहीद जवानों को दी श्रद्धांजलि
मैसूरु. हाइफा सेंटनरी सेलिब्रेशन कमेटी के तत्वावधान में रविवार को अग्रहार स्थित राजेंद्र कला मंदिर सभागार में पूर्व मैसूरु राजघराने के यदुवीर कृष्णदत्ता चामराज वाडियार की उपस्थिति में सेंटनरी कॉममोरेशन ऑफ दी बेटर ऑफ हाइफा के सौवें बलिदान दिवस के उपलक्ष्य में हाइफा हीरो शहीद मेजर दलपत सिंह शेखावत व उनके साथी शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी गई। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि चामराजनगर सांसद आर ध्रुवनारायण व मैसूरु कोडगु सांसद प्रताप सिम्हा थे। इस मौके पर रावणा राजपूत समाज के मंडल अध्यक्ष बलवतसिंह राखी, उपाध्यक्ष भरतसिंह व सदस्य सुजानसिंह, मुनासिंह सांखला आदि उपस्थित रहे।
भगवत अग्रवाल अध्यक्ष, सोमसुंदरम सचिव
बेंगलूरु. स्वास्तिक सेवा ट्रस्ट की साधारण सभा की बैठक में चैयरमेन सतीश मित्तल एवं अध्यक्ष श्याम बंसल ने वर्ष 2018 -20 के लिए नई कमेटी की घोषणा करते हुए भगवत अग्रवाल को अध्यक्ष व सोमसुंदरम को सचिव पद के लिए सर्वसम्मति से चुने जाने की घोषणा की। इसके बाद नवनिर्वाचित अध्यक्ष ने अपनी कार्यकारिणी में विनोद अग्रवाल उपाध्यक्ष प्रथम, अशोक गर्ग उपाध्यक्ष द्वितीय, गौरव जिंदल को सह सचिव, अनिल नाहर को कोषाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी। चैयरमेन सतीश मित्तल ने सभी सदस्यों से आह्वान किया कि संघ एवं ट्रस्ट समाज सेवा के कार्यो में नई ऊंचाइयां प्राप्त कराता रहे ।