आचार्य महाश्रमण से लिया आशीर्वाद
बैंगलोरPublished: Sep 06, 2018 11:28:04 pm
वर्ष 2018-19 जैन जनगणना वर्ष घोषित करने का निवेदन
आचार्य महाश्रमण से लिया आशीर्वाद
बेंगलूरु. जैन ग्लोबल कार्ड के चेयरमैन पारस भंडारी, जीतो टीम ने चेन्नई में आचार्य महाश्रमण के दर्शन कर आशीर्वाद लिए और वर्ष 2018-19 जैन जनगणना वर्ष की घोषणा करने का निवेदन किया। जीतो वाइस चेयरमैन प्रकाश सिंघवी, सचिव रंजीत सोलंकी, यूथ चेयरमैन संजय धारीवाल, तेरापंथ सभा के प्रकाश लोढ़ा, दीपचंद नाहर आदि पदाधिकारी उपस्थित थे।
नवकार महामंत्र की महिमा अपरंपार
बेंगलूरु. हनुमंननगर जैन स्थानक में साध्वी सुप्रिया ने कहा कि नवकार महामंत्र की महिमा अपरंपार है। नवकार का श्रद्धासहित जाप व स्मरण करने से जीव आधि, व्याधि, उपाधि से रहित होकर उसके रोग, शोक, संताप सब मिट जाते हैं। उन्होंने कहा कि नवकार मंत्र गुणपूजक है। इसमें किसी व्यक्ति विशेष का नाम नहीं है। अपितु, इसमें उनके गुणों की पूजा की गई है। नवकार मंत्र में अरिहंत, सिद्ध, आचार्य, उपाध्याय और साधु-साध्वी इन पंच परमेष्ठि पद को नमस्कार किया गया है।
नमस्कार करने से हमारे अंदर भी उनके गुणों को धारण करने की शक्ति प्रेरणा मिलती है एवं साधक का मनोबल मजबूत बनता है। साध्वी ने पर्युषण पर्वाराधना में अधिकाधिक संख्या में श्रद्धालुओं से जप तप आदि विविध धार्मिक अनुष्ठानों को दान शील तप भाव से मनाने का आह्वान किया। साध्वी सुमित्रा ने सागर दत चरित्र के वाचन के बाद सबको मंगलपाठ प्रदान किया। महावीर बुबकिया ने भी विचार व्यक्त किए। संचालन सहमंत्री रोशनलाल बाफना ने किया।
शांति और क्षमा का पर्व है पर्युषण
बेंगलूरु. सीमंधर शांतिसूरी जैन ट्रस्ट, वीवीपुरम के तत्वावधान में आचार्य चंद्रभूषण सूरीश्वर ने कहा कि पर्युषण पर्व शांति एवं क्षमा का पर्व है। उन्होंने कहा कि सालभर में हुए छोटे से छोटे जीव के साथ मन, वचन एवं काया द्वारा खराब एवं दुख वर्तन की क्षमा मांगने का अनमोल पर्व पर्युषण पर्व है। रिश्तों में बनने वाली दरारें पूरने के लिए यह पर्व है। इस पर्व को प्राप्त कर अपने मन में रही द्वेष, तिरस्कार एवं क्रोध की गांठों को पिघलाने की क्रिया करनी है।
गीता गायन कार्यक्रम
मंड्या. मलवल्ली तहसील के विद्या विकास समस्ते स्कूल में भारत विकास परिषद की ओर से बुधवार को गीता गायन कार्यक्रम में पांच सरकारी स्कूल के विद्यार्थियों ने भाग लिया। भाविप अध्यक्ष वासुदेव मूर्ति ने हर विद्यार्थी में प्रतिभा छिपी होती है। बच्चों ने जनपदा गीत, देशभक्ति गीत व कन्नड़ गीतों की प्रस्तुति दी। दोड्डाणा गौड़ा, महादेव स्वामी आदि मौजूद थे।