सूत्रों के अनुसार भाजपा का शीर्ष नेतृत्व कैबिनेट विस्तार के बाद उभरे असंतोष और विभागों के बंटवारे को लेकर सरकार की हो रही आलोचना को गंभीरता से लिया है। इस बीच यह भी खबर है कि येडियूरप्पा के पुत्र बीवाई विजयेंद्र और नव नियुक्त मंत्री सीएन अश्वथनारायण ने अयोग्य ठहराए गए विधायकों के साथ एक अज्ञात स्थल पर काफी देर तक बात की। बैठक में अयोग्य ठहराए गए विधायकों ने साफ कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट से उन्हें राहत मिलती है और उनकी अयोग्यता रद्द होती है तो वादे के मुताबिक उन्हें मंत्रीपद और प्रमुख विभाग मिलना चाहिए।
बैठक में आठ विधायक थे और उन्होंने अपने रुख में नरमी नहीं दिखाई। सूत्रों के अनुसार येडिूयरप्पा कर्नाटक भवन लौटे और उसके बाद बिना मीडिया से बात किए बेंगलूरु के लिए रवाना हो गए। सूत्रों का कहना है कि अयोग्य ठहराए गए विधायक येडियूरप्पा से भी नाराज थे क्योंकि वे उनकी मुलाकात अमित शाह से कराने में नाकाम रहे थे। कांग्रेस-जद-एस गठबंधन सरकार गिराने वाले ये विधायक लक्ष्मण सवदी को मंत्री बनाए जाने से भी नाराज बताए जाते हैं। सूत्रों का कहना है कि 17 अयोग्य ठहराए गए विधायकों में से 12 को भाजपा ने भरोसा दिलाया है कि अगर सुप्रीम कोर्ट उनके पक्ष में फैसला देता है तो उन्हें मंत्री बनाया जाएगा।
इस बीच येडियूरप्पा मंत्रिमंडल में शामिल किए 17 मंत्रियों को अपने विभागों के लिए अब कुछ दिन और इंतजार करना पड़ेगा। पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के निधन के कारण विभागों का बंटवारा टल गया है। इससे पहले शनिवार को येडियूरप्पा ने संकेत दिए थे कि विभागों का बंटवारा शाम तक हो जाएगा। इस संदर्भ में येडियूरप्पा के डॉलर्स कॉलोनी स्थित आवास पर प्रमुख नेताओं के साथ मुख्यमंत्री ने बैठक भी की। लेकिन, अरुण जेटली के निधन की खबर के बाद भाजपा मुख्यालय जगन्नाथ भवन के सभी कार्यक्रम 25 अगस्त तक के लिए रद्द कर दिए गए। भाजपा के नव नियुक्त प्रदेश अध्यक्ष नलिन कटील भी 25 अगस्त को पदभार संभालने वाले थे लेकिन वह कार्यक्रम भी स्थगित कर दिया गया। अब मुख्यमंत्री बीएस येडियूरप्पा रविवार को फिर एक बार दिल्ली जाएंगे जहां वे दिवंगत नेता को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।