scriptअड़चनें दूर करें नहीं तो चुनाव के लिए तैयार हों | Remove hurdles otherwise prepare for election | Patrika News

अड़चनें दूर करें नहीं तो चुनाव के लिए तैयार हों

locationबैंगलोरPublished: Aug 24, 2019 07:08:23 pm

प्रदेश स्तर पर करें समाधान नहीं तो होगा मध्यावधि चुनाव
भाजपा आलाकमान ने दिया निर्देश

अड़चनें दूर करें नहीं तो चुनाव के लिए तैयार हों

अड़चनें दूर करें नहीं तो चुनाव के लिए तैयार हों

बेंगलूरु. येडियूरप्पा कैबिनेट में 17 मंत्रियों के शामिल होने के बाद पार्टी के भीतर उभरे असंतोष और विभागों के बंटवारे को लेकर उपजे विवाद पर भाजपा आलाकमान ने साफ कहा है कि इसे प्रदेश स्तर पर सुलझाएं अथवा विधानसभा भंग कर मध्यावधि चुनाव के लिए तैयार हो जाएं। अयोग्य ठहराए गए विधायकों के बारे में भी केंद्रीय नेतृत्व ने येडियूरप्पा से कहा है कि उन्हें बार-बार दिल्ली लेकर नहीं आएं और छोटे-मोटे मसले अपने स्तर पर निपटाएं।
मुख्यमंत्री दो दिन के दिल्ली प्रवास के बाद बेंगलूरु लौट आए। हालांकि, वे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलना चाहते थे लेकिन दोनों नेताओं में से किसी से भी उनकी भेंट नहीं हो सकी। येडियूरप्पा पोर्टफोलियो बंटवारे पर उनसे बात करना चाहते थे लेकिन किसी भी नेता से मिलने का समय नहीं मिला। सूत्रों के अनुसार पार्टी आलाकमान ने उन्हें संदेश भेजकर कहा कि प्रदेश स्तर की तमाम समस्याओं का हल खुद अपने स्तर पर करें। तमाम असंतुष्ट गतिविधियों को जितनी जल्दी हो सके सुलझाएं। विभागों का आवंटन भी अपने स्तर से करें। अगर समस्या जल्द खत्म नहीं होती है तो बेहतर होगा कि विधानसभा भंग करें और चुनाव का विकल्प अपनाएं। पार्टी नेताओं का मानना है कि महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड में इसी साल अक्टूबर-नवम्बर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। अगर सरकार चलाने में ज्यादा अड़चनें आती हैं तो कर्नाटक का चुनाव भी उन्हीं तीन राज्यों के चुनाव के साथ हो सकता है।
अज्ञान स्थल पर देर तक बात
सूत्रों के अनुसार भाजपा का शीर्ष नेतृत्व कैबिनेट विस्तार के बाद उभरे असंतोष और विभागों के बंटवारे को लेकर सरकार की हो रही आलोचना को गंभीरता से लिया है। इस बीच यह भी खबर है कि येडियूरप्पा के पुत्र बीवाई विजयेंद्र और नव नियुक्त मंत्री सीएन अश्वथनारायण ने अयोग्य ठहराए गए विधायकों के साथ एक अज्ञात स्थल पर काफी देर तक बात की। बैठक में अयोग्य ठहराए गए विधायकों ने साफ कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट से उन्हें राहत मिलती है और उनकी अयोग्यता रद्द होती है तो वादे के मुताबिक उन्हें मंत्रीपद और प्रमुख विभाग मिलना चाहिए।
विधायकों के रूख में नरमी
बैठक में आठ विधायक थे और उन्होंने अपने रुख में नरमी नहीं दिखाई। सूत्रों के अनुसार येडिूयरप्पा कर्नाटक भवन लौटे और उसके बाद बिना मीडिया से बात किए बेंगलूरु के लिए रवाना हो गए। सूत्रों का कहना है कि अयोग्य ठहराए गए विधायक येडियूरप्पा से भी नाराज थे क्योंकि वे उनकी मुलाकात अमित शाह से कराने में नाकाम रहे थे। कांग्रेस-जद-एस गठबंधन सरकार गिराने वाले ये विधायक लक्ष्मण सवदी को मंत्री बनाए जाने से भी नाराज बताए जाते हैं। सूत्रों का कहना है कि 17 अयोग्य ठहराए गए विधायकों में से 12 को भाजपा ने भरोसा दिलाया है कि अगर सुप्रीम कोर्ट उनके पक्ष में फैसला देता है तो उन्हें मंत्री बनाया जाएगा।
विभागों का बंटवारा टला
इस बीच येडियूरप्पा मंत्रिमंडल में शामिल किए 17 मंत्रियों को अपने विभागों के लिए अब कुछ दिन और इंतजार करना पड़ेगा। पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के निधन के कारण विभागों का बंटवारा टल गया है। इससे पहले शनिवार को येडियूरप्पा ने संकेत दिए थे कि विभागों का बंटवारा शाम तक हो जाएगा। इस संदर्भ में येडियूरप्पा के डॉलर्स कॉलोनी स्थित आवास पर प्रमुख नेताओं के साथ मुख्यमंत्री ने बैठक भी की। लेकिन, अरुण जेटली के निधन की खबर के बाद भाजपा मुख्यालय जगन्नाथ भवन के सभी कार्यक्रम 25 अगस्त तक के लिए रद्द कर दिए गए। भाजपा के नव नियुक्त प्रदेश अध्यक्ष नलिन कटील भी 25 अगस्त को पदभार संभालने वाले थे लेकिन वह कार्यक्रम भी स्थगित कर दिया गया। अब मुख्यमंत्री बीएस येडियूरप्पा रविवार को फिर एक बार दिल्ली जाएंगे जहां वे दिवंगत नेता को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।

ट्रेंडिंग वीडियो