बैंगलोर

देहदान के बारे में प्रचलित अंधविश्वास हों दूर

कारवार के सरकारी कला तथा विज्ञान कॉलेज में अंगदान जागृति कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन महाराष्ट्र के सांगली जिले के अंगदाता प्रमोद लक्ष्मण महाजन ने किया।

बैंगलोरJan 21, 2019 / 12:27 am

शंकर शर्मा

देहदान के बारे में प्रचलित अंधविश्वास हों दूर

सिरसी-कारवार. कारवार के सरकारी कला तथा विज्ञान कॉलेज में अंगदान जागृति कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन महाराष्ट्र के सांगली जिले के अंगदाता प्रमोद लक्ष्मण महाजन ने किया। वे बाइक से १८ राज्यों का दौरा कर १० हजार कि.मी. की दूरी तय करेंगे। यह यात्रा उन्होंने २१ अक्टूबर २०१८ को पुणे से शुरू की जो २६ जनवरी २०१९ को पुणे में खत्म होगी।


प्रमोद रिबर्थ फाउंडेशन नामक संस्थान के स्वयंसेवक हैं। देश भर की यात्रा में इन्हें राज्य सरकार तथा संगठनों, संस्थानों का सहयोग मिल रहा है। गुरुवार को कारवार के सरकारी कला तथा विज्ञान कालेज पहुंचे प्रमोद लक्ष्मण महाजन ने अंगदान के महत्व के बारे में विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम का उद्घाटन पौधों को सींचकर किया। उन्होंने कहा कि अंगदान अमूल्य है अत: वे अपनी किडनी योजना के तहत दान कर चुके हैं। अंग प्रत्यारोपण व देहदान के बारे में जो अंधविश्वास है उसे दूर करना चाहिए।


इस अवसर पर सरकारी कला व विज्ञान कॉलेज रेडक्रॉस विंग स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विभाग तथा एनएसएस की ओर से प्रमोद लक्ष्मण महाजन का सम्मान किया गया। कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ. कल्पना केरवडी ने कहा कि यह एक विशेष कार्यक्रम है इसका लाभ सभी को उठाना चाहिए।


कार्यक्रम में अतिथि रहे जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी एसजी नायक ने अंगदान के बारे में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता पर बल दिया। अतिथियों का स्वागत व संचालन प्राध्यापक डॉ. वी.वी. गिरी ने किया। अतिथियों का परिचय मनोज नायक ने करवाया। अंत में व्याख्याता डॉ. प्रीति तल्लूरु ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर एनएसएस अधिकारी प्रो. आईके नायक, प्रो. लोकेश उपस्थित थे। स्वागत गीत नागवेणी ने प्रस्तुत किया। इस अवसर पर उमेश शेट्टी, प्राध्यापक तथा विद्यार्थी उपस्थित थे। कार्यक्रम के बाद बाइक रैली निकाली गई।

युवाओं ने की श्मशान की सफाई
बल्लारी. पिछले दो महीनों से युवाओं की एक टीम बिना किसी प्रचार के श्मशान साफ कर रही है। युवा कंटीली झाडिय़ों को हटाकर इनके स्थान पर पेड़ लगा रहे हैं। शहर के तालूरु मार्ग पर रेणुका नगर के निकट स्थित श्मशान में कंटीली झाडिय़ां उगी थीं। मृतकों को दफनाने के बाद मृतकों के परिजन समाधि पर मृतक के नाम का पैनल अवश्य लगाते परंतु श्मशान को साफ करने की दिशा में कोई अग्रसर नहीं हुआ। कुल मिलाकर श्मशान कंटीली झाडिय़ों का अड्डा बना था। अंतिम संस्कार के वक्त मृतकों के परिजन अपनी आवश्यकतानुसार जगह साफ कर शव को दफनाते थे।


बीते सात महीनों से आत्मसंतुष्टि नामक स्वयंसेवकों की टीम के सदस्य श्मशान को साफ कर वहां पर हरियाली प्रदान करने वाले पेड़ लगा रहे हैं। शहर के मेदार केतय्या के निवासी रेवण्णा बीते तीन सालों से जगह-जगह पर पेड़ लगाने का कार्य कर रहे हैं। श्मशान के हालात देख सफाई के प्रति अग्रसर हुए रेवण्णा को उनके साथियों का भी साथ मिला। रेवण्णा को इस सामाजिक कार्य में बीएच रामकृष्णा,श्रीनिवास, शेक्षावली, रघु, हनुमंत, मारुति, कृष्णा, बाबू, नागराज, प्रहलाद सहित कईयों ने मदद की । रेवण्णा व उसके साथियों ने सफाई के लिए हर रविवार सुबह ७ से ९ बजे तक समय निकाल कर कंटीली झाडिय़ों को काटकर जलाया।

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