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मानव मिशन पर एक महीने में तैयार होगी रिपोर्ट : सिवन

locationबैंगलोरPublished: Jul 08, 2018 01:24:23 am

Submitted by:

Rajeev Mishra

अंतरिक्ष में यात्री भेजने को लेकर इसरो गंभीर2004 से ही चल रहा है काम

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बेंगलूरु. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अंतरिक्ष में मानव मिशन भेजे जाने से जुड़े कार्यक्रमों पर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर रहा है, जो एक महीने में तैयार हो जाएगा। हाल ही में इसरो ने मानव मिशन के लिए एक अहम तकनीक ‘कू्र एस्केप सिस्टमÓ का सफल परीक्षण किया था।
यहां शनिवार को 11 वें एलएम कत्रे स्मृति व्याख्यान के बाद संवाददाताओं से बातचीत में इसरो अध्यक्ष के. सिवन ने कहा कि मानव मिशन से जुड़ी अहम तकनीकों का विकास और प्रदर्शन हो रहा है। इसके साथ ही मानव युक्त अंतरिक्ष कार्यक्रम (एचएसपी) पर एक परियोजना रिपोर्ट भी तैयार की जा रही है। रिपोर्ट तैयार करने की यह प्रक्रिया पूरी तरह इसरो का आंतरिक मामला है और इसमें किसी एजेंसी के सहयोग की जरूरत नहीं है। हालांकि, यह प्रक्रिया वर्ष 2004 में ही शुरू हो गई थी लेकिन अब अगले एक महीने के दौरान इसके तैयार हो जाने की उम्मीद है। रिपोर्ट तैयार होने के बाद उसकी व्यापक समीक्षा की जाएगी। साथ ही मिशन से जुड़े अंशधारकों के साथ परस्पर चर्चा की जाएगी। इस मिशन में वायुसेना, हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड, उद्योग, शैक्षणिक संस्थाएं और अकादमी आदि अंशधारक होंगे। उन्होंने कहा कि अभी सरकार ने मानव मिशन को मंजूरी नहीं दी है इसलिए इस परियोजना के लिए कोई राशि भी आवंटित नहीं है। रिपोर्ट तैयार होने के बाद उसे सरकार के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
एक साथ छह तकनीकों का परीक्षण
मानव मिशन के लिए अहम ‘कू्र एस्केप सिस्टमÓ के परीक्षण में मिली सफलता को शानदार बताते हुए इसरो अध्यक्ष ने कहा कि इस एक मिशन में छह प्रणालियों को परखा गया। इसमें मानव मिशन के लिए ‘कू्र एस्केप सिस्टमÓ के अलावा पांच अन्य तकनीकों के विकास पर मुहर लगी। भारत ने मानव मिशन की ओर एक छोटा कदम बढ़ाया है और अभी काफी लंबा सफर तय करना है। उन्होंने कहा कि इसरो के कुछ तय कार्यक्रम हैं जबकि अनुसंधान और विकास से जुड़े कई कार्यक्रम भी साथ-साथ चलते रहते हैं। मानव मिशन जैसे कार्यक्रमों को इसी का एक हिस्सा कह सकते हैं। फिलहाल मानव मिशन के लिए अंतरिक्ष यान, रॉकेट और अन्य तकनीकों के विकास पर इसरो का ध्यान केंद्रित है। मिशन पर कितने अंतरिक्ष यात्री भेजे जाएंगे और अंतरिक्ष यात्री नौसेना के होंगे या वायुसेना के, इसपर बाद में विचार किया जाएगा। गौरतलब है कि इसरो ने मानव मिशन की ओर कदम बढ़ाते हुए पिछले 5 जुलाई को ‘कू्र एस्केप सिस्टमÓ का परीक्षण किया था जो आपात स्थिति में अंतरिक्ष यात्रियों को ले जा रहे कू्र मॉड्यूल को रॉकेट से अलग कर सुरक्षित निकालने की तकनीक है। कत्रे स्मृति व्याख्यान का आयोजन हर साल शहर आधारित सार्वजनिक क्षेत्र के रक्षा उपक्रम हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड और एयरफोर्स एसोसिएशन की ओर से किया था। राज्य के मेंगलूरु निवासी कत्रे वायुसेना के प्रमुख रहे थे। हेलीकॉप्टर धु्रव व युद्धक विमान तेजस के विकास में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी।

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