आरक्षण की जंग संघ का षडयंत्र : हरिप्रसाद
प्रभावशाली समुदायों को आरक्षण की मांग संवैधौनिक नहीं
आरक्षण की जंग संघ का षडयंत्र : हरिप्रसाद
बेंगलूरु. राज्य में विभिन्न समुदायों की आरक्षण की मांग को लेकर सड़कों पर चल रही जंग राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का षड्यंत्र है। कांग्रेस के बीके हरिप्रसाद ने यह बात कही।
विधान परिषद में सोमवार को वर्ष 2021-22 के बजट पर बहस के दौरान उन्होंने कहा कि आरक्षण सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने का माध्यम है। संविधान के अनुसार सामाजिक तथा शैक्षणिक दृष्टि से पिछड़े समुदायों को आरक्षण दिया जा सकता है लेकिन यह कोई रोजगार विनिमय केंद्र नहीं। प्रभावशाली समुदायों को आरक्षण की मांग संवैधौनिक नहीं है।
उन्होंने कहा कि यह बजट किसान, गरीब, महिला तथा विद्यार्थियों के विरोधी बजट है। बजट में इस वर्ग की अनदेखी की गई है।
उन्होंने कहा कि यह वास्तविकता है कि इस सरकार के पास विकास कार्यों के लिए अब संसाधन ही नहीं बचे हैं। संग्रहित राजस्व का 80 फीसदी हिस्सा अब केवल वेतन, पेंशन का भुगतान, ऋण की किश्त चुकाने तथा ब्याज के भुगतान पर खर्च होगी।
बहस के दौरान जब उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक ने आरक्षण का विरोध किया है। तो सदन में काफी देर तक हंगामा चलता रहा। हरिप्रसाद के बयान से आक्रोशित सदन के नेता कोटा श्रीनिवास पुजारी, भाजपा के रविकुमार, तेजस्विनी रमेश बोलने लगे तब कांग्रेस के कई सदस्यों ने इसका पुरजोर विरोध किया।
इस शोरगुल अनियंत्रित होते हुए देखकर सभापति बसवराज होरट्टी ने हरिप्रसाद को छोडकर अन्य सभी सदस्यों के बयानों को सदन की कार्यवाही से हटाने के निर्देश दिए।