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संयम और स्वास्थ्य का घनिष्ठ संबंध हो-मुनि सुधाकर

locationबैंगलोरPublished: Mar 01, 2021 07:08:05 pm

Submitted by:

Yogesh Sharma

अणुव्रत स्थापना दिवस का भव्य आयोजन-नंजुनगुड

संयम और स्वास्थ्य का घनिष्ठ संबंध हो-मुनि सुधाकर

संयम और स्वास्थ्य का घनिष्ठ संबंध हो-मुनि सुधाकर

बेंगलूरु. मुनि सुधाकर व मुनि नरेशकुमार के सान्निध्य में नंजनगुड में अणुव्रत स्थापना दिवस का भव्य आयोजन किया गया। मुनि सुधाकर ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा अणुव्रत मानव जीवन के लिए कल्याणकारी है। अणुव्रत के सिद्धांतों से वैश्विक समस्याओं का समाधान खोजा जा सकता है। अणुव्रत स्वस्थ समाज निर्माण संरचना का मंत्र है। मुनि ने कहा संयम ही जीवन है पर अणुव्रत के अभियान का मुख्य उद्घोष है। संयम का विचारधारा का संबंध सिर्फ साधु जीवन के साथ समझते हैं। किंतु संयम का अभ्यास हर व्यक्ति के लिए जरूरी है। इसके बिना कोई भी सुखी और स्वस्थ जीवन नहीं जी सकता। कुछ लोग स्वस्थ को अंग्रेजी के हैल्थी शब्द का पर्यायवाची समझते हैं पर हेल्थी शब्द से स्वस्थ शब्द का अर्थ बहुत गहरा है, जिस प्रकार भवन में रहने वाले को भावनस्थ कहते हैं। उसी प्रकार जो अपने शुद्ध स्वभाव में रहता है, जिसकी आत्मा मन और इंद्रियों शांत और निर्मल हैं। सच्चे अर्थ में वही स्वस्थ है। जीवन शैली को संयम प्रदान बनाएं बिना हम शरीर मन और आत्मा को शुद्ध और स्वस्थ नहीं बना सकते। आज जो चारों और भ्रष्टाचार, हिंसा का साम्राज्य है उसका मूल कारण असंयम है। अहिंसा शांति और सदाचार प्रधान समाज के निर्माण के लिए संयम का संस्कार जगाना जरूरी है। उपभोगवादी मनोवृति सब प्रकार के मानसिक और सामाजिक दोष और विकारों का मूल है। अणुव्रत की साधना के लिए उसका परित्याग जरूरी है।
मुनि नरेश कुमार ने कहा अणुव्रत सांप्रदायिक आंदोलन है जिसमें जाती पाती रंगभेद का कोई स्थान नहीं है। स्वस्थ व्यक्ति के निर्माण का आधार है। अनुव्रत स्वस्थ व्यक्ति से स्वस्थ समाज का निर्माण होता है और स्वस्थ समाज से स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण होता है। छोटे-छोटे नियमों के पालन से व्यक्ति अपने व्यक्तित्व को विराट बना सकता है।
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