वर्ष १९८६ के बाद भर्ती होने वाले कर्मचारियों को रिटायर्ड होने पर पेंशन दी जा रही है जबकि उससे पहले वालों को वंचित रखा जा रहा है। सातवें वेतनमान से पेंशन लागू करने का प्रावधान था, जिसमें लापरवाही के चलते उन्हें वंचित रख दिया। आंदोलनरत सेवानिवृत्त कर्मचारियों की मांग सीपीएफ से जीपीएफ को बदलने की है।
गठबंधन नहीं हुआ तो पार्टी ‘एकला चलो’ की नीति अपनाएगी: रेवण्णा
बेंगलूरु. लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के साथ जनता दल-एस के गठबंधन में सीटों के बंटवारे पर ऊहापोह की स्थिति के बीच दोनों दलों के नेताओं के बयान दिलचस्प होते जा रहे हैं। इस क्रम को आगे बढ़ाते हुए लोक निर्माण मंत्री एचडी रेवण्णा ने कहा है कि यदि गठबंधन नहीं हुआ तो पार्टी ‘एकला चलो’ की नीति अपनाएगी।
उन्होंने कहा कि वर्ष 1996 में जब एचडी देवेगौड़ा मुख्यमंत्री थे तब पार्टी ने राज्य में 16 लोकसभा क्षेत्रों में जीत हासिल की थी। आज फिर एक बार राज्य में पार्टी के पक्ष में लहर चल रही है। लिहाजा कांग्रेस को जद-एस की क्षमता को लेकर कोई भ्रम पालने की आवश्यकता नहीं है।
उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि आम चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन बरकरार रहे अगर दोनों दल भाजपा के खिलाफ साझा प्रत्याशी उतारते हैं तो इस गठबंधन को राज्य की सभी 28 सीटों पर जीत हासिल हो सकती है। ऐसी स्थिति में कांग्रेस के कुछ नेता पार्टी को 6-7 सीटें देने की बातें कर रहे हैं, ऐसा फैसला पार्टी को मंजूर नहीं होगा। अगर कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं होता है तो भी जद-एस आम चुनाव में त्रिकोणीय संघर्ष के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस वास्तव में भाजपा को हराना चाहती है तो उसे जद-एस को सम्मानजनक सीटें देनी होंगी। पार्टी केवल मैसूरु, मंड्या और हासन तक सीमित नहीं है। उत्तर कर्नाटक, तटीय कर्नाटक, हैदराबाद कर्नाटक में भी पार्टी के संगठन की जडं़े मजबूत हैं।
रेवण्णा ने दावा किया कि एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्ववाली सरकार ने कृषि तथा किसानों को वरीयता देते हुए जो साहसी फैसले किए हैं उससे राज्य में जद-एस के पक्ष में वातावरण बन रहा है। वहीं, एक भी चुनावी वादा पूरा नहीं करनेवाली भाजपा को इस बार निराश होना पड़ेगा। केवल जुमले देकर राज्य की जनता को भ्रमित करने वाले भाजपा नेताओं को राज्य के मतदाता करारा जवाब देंगे।