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मतदान प्रतिशत बढ़ाने में ‘सखी’ की भूमिका

locationबैंगलोरPublished: May 13, 2018 05:08:57 pm

Submitted by:

Ram Naresh Gautam

देश में पहली बार हुआ प्रयोग

pink booth
बेंगलूरु. मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग की ‘गुलाबी मतदान केंद्र’ की नीति कारगर साबित होती दिखी है। देश में पहली बार ऐसे मतदान केंद्रों की स्थापना की गई, जहां पीठासीन अधिकारी से लेकर सुरक्षाकर्मी तक महिलाएं ही तैनात थीं।
इन केंद्रों को गुलाबी मतदान केंद्र (पिंक पोलिंग स्टेशन) और ‘सखी’ नाम दिया गया। प्रदेश भर में 600 गुलाबी मतदान केंद्र बनाए गए। इन केंद्रों की खासियत यह रही कि इनमें तीसरी पीढ़ी (थर्ड जेनरेशन) की एम-3 इवीएम मशीनों का इस्तेमाल किया गया। इन केंद्रों को गुलाबी रंगों के अभिनंदन द्वार, गुब्बारों से सजाया गया। केंद्रों के अंदरूनी हिस्सों भी गुलाबी रंग वाले दरी, टेबल कवर आदि का प्रयोग किया गया।
यहां तक कि कई बूथों में दीवारों तक को गुलाबी रंग दिया गया था। प्रायोगिक तौर वाले इन केंद्रों के लिए आईटी सिटी बेंगलूरु में पांच विधानसभा क्षेत्रों-राजराजेश्वरी नगर, शिवाजी नगर, शांति नगर, गांधी नगर और राजाजी नगर का चयन किया गया था, हालांकि मतदान से ठीक एक दिन पहले राजराजेश्वरी नगर का चुनाव टाल दिया गया। इस तरह शहर के चार विधानसभा क्षेत्रों में गुलाबी मतदान केंद्रों में लोगों ने मतदान का अलहदा अनुभव पाया।
मुख्य चुनाव अधिकारी कार्यालय के सूत्रों के अनुसार एम-3 इवीएम मशीन में बैटरी डिस्प्ले की व्यवस्था के साथ ही डिजिटल प्रमाणन की भी सुविधा है। इसके अलावा किसी भी तरह की छेड़छाड़ की स्थिति की ओर मशीन इंगित करती है। इस चुनाव में पहली बार मतदान करने पहुंची युवतियों ने पिंक बूथ में मतदान करने के पश्चात इसकी प्रशंसा की। लेकिन दावणगेरे समेत कई जिलों में महिला कर्मियों के अभाव में पुरुष कर्मचारी ही पिंक बूथ का संचालन कर रहे थे। चामराजनगर जिले में पिंक बूथ में वनवासी महिला मतदाताओं ने उत्साह से मतदान किया।
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इंदिरा कैंटीन बंद, लोग परेशान
बेंगलूरु. विधानसभा चुनाव के लिए हुए मतदान में इंदिरा कैंटीन के कर्मचारियों को वोट डालने का अवसर देने के लिए शनिवार को राज्य की सभी इंदिरा कैंटीन में अवकाश घोषित किया गया। अवकाश होने के कारण शहर के सभी इंदिरा कैंटीन शनिवार को बंद रही। इसके चलते इन कैंटीन पर निर्भर कई गरीब लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। इस कैंटीन में 5 रुपए में नाश्ता तथा 10 रुपए में खाना मिलने से यह कैंटीन गरीबों के लिए सहारा बने है।

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