कार्यक्रम भारत सेवादल की ओर से आयोजित किया गया था। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों में नेतृत्व के गुण विकसित करने के लिए डॉ. एनएस हर्डीकर ने भारत सेवादल की स्थापना की।
विद्यार्थियों को सेवादल का सदस्य बनकर देश सेवा में अग्रसर होना चाहिए। विद्यार्थी भविष्य में उच्च अधिकारी, मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री या अन्य लोकप्रतिनिधि बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि जो बिना भ्रष्टाचार के लोक सेवा के प्रति समर्पित रहता है वही सच्चा देशभक्त बन सकता है। सेवादल केंद्र समिति के प्रधान सचिव एमवी देवीप्रसाद ने कहा कि भारत सेवादल संस्थान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के संरचित कार्यक्रमों को क्रियान्वित करने की दिशा में कार्य रही है।
इस अवसर पर सेवादल के राज्य अध्यक्ष एचएम गुरुसिद्दस्वामी, गांधीभवन के सचिव टीजी विट्ठल, दलपति चंद्रशेखर सहित सेवादल के कई प्रमुख उपस्थित थे।
युवाओं ने की श्मशान की सफाई
बल्लारी. पिछले दो महीनों से युवाओं की एक टीम बिना किसी प्रचार के श्मशान साफ कर रही है। युवा कंटीली झाडिय़ों को हटाकर इनके स्थान पर पेड़ लगा रहे हैं।
शहर के तालूरु मार्ग पर रेणुका नगर के निकट स्थित श्मशान में कंटीली झाडिय़ां उगी थीं। मृतकों को दफनाने के बाद मृतकों के परिजन समाधि पर मृतक के नाम का पैनल अवश्य लगाते परंतु श्मशान को साफ करने की दिशा में कोई अग्रसर नहीं हुआ। कुल मिलाकर श्मशान कंटीली झाडिय़ों का अड्डा बना था। अंतिम संस्कार के वक्त मृतकों के परिजन अपनी आवश्यकतानुसार जगह साफ कर शव को दफनाते थे।
बीते सात महीनों से आत्मसंतुष्टि नामक स्वयंसेवकों की टीम के सदस्य श्मशान को साफ कर वहां पर हरियाली प्रदान करने वाले पेड़ लगा रहे हैं। शहर के मेदार केतय्या के निवासी रेवण्णा बीते तीन सालों से जगह-जगह पर पेड़ लगाने का कार्य कर रहे हैं। श्मशान के हालात देख सफाई के प्रति अग्रसर हुए रेवण्णा को उनके साथियों का भी साथ मिला। रेवण्णा को इस सामाजिक कार्य में बीएच रामकृष्णा,श्रीनिवास, शेक्षावली, रघु, हनुमंत, मारुति, कृष्णा, बाबू, नागराज, प्रहलाद सहित कईयों ने मदद की । रेवण्णा व उसके साथियों ने सफाई के लिए हर रविवार सुबह ७ से ९ बजे तक समय निकाल कर कंटीली झाडिय़ों को काटकर जलाया।
बीते सप्ताह से पेड़ लगाने का कार्य चल रहा है। रेवण्णा का कहना है कि वे हर रविवार अपने साथियों के साथ मिलकर १५ पेड़ लगाते हैं व हर दूसरे दिन पेड़ों को सींचते हैं। रेवण्णा व उनकी टीम में शामिल सदस्य कहते हैं कि वे श्मशान को सुंदर उद्यान बनाना चाहते हैं।