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रुपए भी गए, जान भी गई

locationबैंगलोरPublished: Mar 25, 2019 12:03:35 am

धारवाड़ में बहुमंजिला इमारत गिरने से 15 जनों की मौत होने के साथ इस इमारत में दुकान लेने वाले परिवारों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।

रुपए भी गए, जान भी गई

रुपए भी गए, जान भी गई

 

हुब्बल्ली. धारवाड़ में बहुमंजिला इमारत गिरने से 15 जनों की मौत होने के साथ इस इमारत में दुकान लेने वाले परिवारों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। ढही इमारत में कई दुकानें भी संचालित हो रही थीं। भवन ढहने से वे दुकानें भी जमींदोज हो गईं। साथ ही कई दुकानदारों की जिन्दगी भी फना हो गई। इस भवन में दुकान लेने वाले परिवारों के दुखों का पार नहीं है।


ढहे भवन के ग्राउण्ड फ्लोर तथा प्रथम मंजिल पर कई कार्यालय, होटल, मेडिकल स्टोर, इंटरनेट सेंटर आदि संचालित होते थे। इन सभी ने सीधे तौर पर भवन मालिकों को रुपए देकर दुकानों को किराए पर प्राप्त किया था। सूत्रों के अनुसार ग्राउण्ड फ्लोर पर स्थित होटल के मालिक मासिक छह हजार रुपए के हिसाब से किराया दे रहे थे और उन्होंने दस माह की अग्रिम राशि भी दी थी।

इसी प्रकार अपोलो मेडिकल स्टोर कंपनी ने सीधे तौर पर इस भवन के मालिकों के साथ समझौता कर दुकान को किराए पर प्राप्त किया था। जिला प्रशासन को प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राउण्ड फ्लोर तथा प्रथम मंजिल पर स्थित 35 से भी अधिक स्टालों का किराए के लिए समझौता किया गया था।


कुछ लोगों का कहना है कि संबंधित मंजिलों पर स्थित दुकानों को वर्गफीट के आधार पर खरीदा गया था। प्रति वर्गफीट के लिए छह हजार रुपए के हिसाब से दुकानों की बिक्री की गई थी परन्तु इस बारे में किसी भी दुकानदार ने जिला प्रशासन को अब तक अधिकृत जानकारी नहीं दी और कुछ लोगों ने दुकानों को खरीदकर दूसरों को किराए पर दिया था।

करीब आधा दर्जन दुकानों को मालिकों से खरीदकर किराए पर देने की जानकारी मिली है। अपने परिवारों को पेट पालने के लिए पसीना बहाकर अर्जित की राशि देकर दुकान खरीदने वाले मध्यम वर्ग के लोगों की पीड़ा का कोई अनुमान भी नहीं कर सकता। उनके लिए उनकी राशि भी गई और कई की जान भी गई।

अपने प्राणों की चिंता किए बिना बचाई 17 लोगों की जान
हुब्बल्ली. धारवाड़ में पिछले मंगलवार को निर्माणाधीन इमारत ढहने के तुरंत बाद कई लोगों ने अपनी जान की परवाह किए बिना इमारत के मलबे में फंसे लोगों को बचाया है। इनमें एक व्यक्ति ने बचाव कर्मियों के आने से पहले ही 17 जनों को मलबे से बाहर निकालने के साथ साहस का परिचय दिया है।


इमारत गिरने की सूचना मिलते ही दमकल दल के कर्मचारी पुलिस मौके पर पहुंचे थे। इसके बाद एसडीआरएफ तथा एनडीआरएफ के कर्मचारी बचाव कार्य में जुट गए। बचाव कर्मियों के साथ बसवराज जाधव नामक व्यक्ति ने इमारत के मलबे में घुसकर वहां फंसे लोगों को बचाया है। इनके साहस की लोगों ने सराहना की है।


पिछले पांच दिनों से इमारत के मलबे में फंसे लोगों को बचाने का कार्य लगातार जारी है। इसके चलते मलबे में फंसे वाघू, नवलु तथा सहदेव नामक व्यक्तियों के परिजन तथा रिश्तेदार मौके पर ही डेरा डाले अपनों का इंतजार कर रहे हैं।

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