परिवार नियोजन के लिए स्थाई शल्य चिकित्सा करवाने के लिए पुरुष पीछे हट रहे हैं। पति के नसबंदी ऑपरेशन के लिए उनकी पत्नियां ही मना कर रही हैं। इसके चलते नसबंदी ऑपरेशन करवाने वाले पुरुषों की संख्या घट गई हैं।
…ग्रामीण क्षेत्र की ओर बढ़ रहा है
&नसबंदी ऑपरेशन से परहेज करने वाले शहरी लोग परिवार नियोजन के अस्थाई तरीकों को ज्यादा पसंद कर रहे हैं। यह तरीका धीरे-धीरे ग्रामीण इलाकों की ओर भी बढ़ता जा रहा है। पिछले तीन वर्षों में बीस हजार से अधिक लोगों ने नसबंदी ऑपरेशन करवाया है। इसी दौरान गर्भ निरोधक गोलियों का उपयोग करने वाले 43 प्रतिशत महिलाएं हैं। कण्डोम का उपयोग करने वाले 48 प्रतिशत है तथा कॉपर टी (लूप) का उपयोग करने वालों की संख्या 38 प्रतिशत से 48 प्रतिशत तक बढ़ गई है। डॉ. शशिकला निंबण्णवर, परिवार कल्याण अधिकारी, धारवाड़।
…शल्य चिकित्सा के लिए प्रोत्साहन राशि
&जिला परिवार कल्याण विभाग के अनुरूप कार्य कर रहे भारतीय परिवार कल्याण संस्था के तहत अब तक 49 हजार महिलाओं ने नसबंदी ऑपरेशन करवाए हैं परंतु पुरुषों की संख्या सिर्फ 28 है। प्रति दो हजार महिलाओं में एक पुरुष परिवार नियोजन ऑपरेशन करवा रहा है।
वर्ष 2011 से गर्भधारण को आगे डालने के लिए इंजेक्शन आया है। शहरी इलाकों में इसकी बहुत मांग है। शल्य चिकित्सा के लिएसरकारी अस्पताल में बीपीएल परिवारों को 6 00 रुपए प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। उन्हें समझा कर अस्पताल लाने वाले आशा कार्यकर्ताओं को 150 रुपए दिए जा रहे हैं। पुरुषों को शल्य चिकित्सा के लिए 1 हजार 200 रुपए दिए जा रहे हैं। शल्य चिकित्सा से पुरुषों में कोई कमजोरी नहीं आएगी इस बारे में महिलाओं को जानकारी दी जा रही है। सुजाता अनिशेट्टर, प्रबंधक, एफपीआई, धारवाड़।