वे शुक्रवार को यहां आदिचुनचनगिरी हैल्थ व एजुकेशन सिटी में आयोजित 12वें स्थापना दिवस व बीजेएस उत्सव के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि बालगंगाधर नाथ स्वामी ने केवल शिक्षा पर ही बल नहीं दिया, बल्कि सामाजिक व्यवस्था के प्रत्येक क्षेत्र को सशक्त बनाने में योगदान दिया। ऐसे गुरु के नाम पर हर साल स्थापना दिवस व सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करना सराहनीय है। अभिभावकों को अपने बच्चों के सुंदर भविष्य के निर्माण के प्रति जागरूकता दिखानी चाहिए और शिक्षकों को बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देनी चाहिए।
सांसद सुमालता ने कहा कि किसी संस्था द्वारा 500 से अधिक शिक्षण सस्थाओं की स्थापना करना और सफलतापूर्वक संचालन आसान काम नहीं है। इस उपलब्धि को हासिल करने का श्रेय बालगंगाधर नाथ स्वामी को जाता है।
आदिचुनचनगिरी मठ प्रमुख निर्मलानंदनाथ स्वामी ने कहा कि जीवन में हमारे उद्धार के लिए प्रकाश देने वालों का स्मरण करना सभी का कर्तव्य होता है। बाल गंगाधरनाथ स्वामी के मठ प्रमुख बनने के बाद मठ सारे विश्व में विख्यात हो गया, जिसका श्रेय उनकी कठिन तपस्या व साधना को जाता है। शुरू में वे एक हजार बच्चों को शिक्षा देने को जीवन की सार्थकता मान रहे थे, लेकिन उनके जीवन काल में ही इस मठ के शिक्षण संस्थानों में पढऩे वाले बच्चों की संख्या 1 लाख 25 हजार तक पहुंच गई। गुरुवर के स्मरण में आयोजित इस समारोह में हमें अपनी ज्ञान प्रज्ञा को जागृत करना चाहिए।
कार्यक्रम शुरू होने से पहले निर्मलानंदनाथ स्वामी व प्रकाशनाथ स्वामी को फूलों से सजे हंस वाहन में शोभा यात्रा के साथ कार्यक्रम स्थल तक लाया गया। बीजेएस शिक्षण संस्थान के शिवय्या को बीजेएस सेवा रत्न पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया गया। बेंगलूरु तथा दिल्ली बीजेएस समूह शिक्षण सस्थाओं के विद्यार्थियों ने सांसकृतिक कार्यक्रम की भव्य प्रस्तुतियां दीं।