जिनशासन की नींव है साधु भगवंत
बैंगलोरPublished: Oct 17, 2021 07:54:30 am
धर्मसभा का आयोजन
जिनशासन की नींव है साधु भगवंत
बेंगलूरु. सिद्धाचल धाम में विराजित आचार्य चंद्रयश सूरीश्वर ने नवपद ओली के पांचवे दिन साधु पद की महानता बताते कहा जिनशासन में साधु पद की महानता अतीव है। साधु पद नवपद के मध्य में है वह हमको यही दर्शाता है की अरिहंत सिध्द आचार्य उपाध्याय बनना है तो प्रथम तो साधु बनना ही होगा। जिनशासन की नींव है साधु भगवंत। समग्र दुनिया में इनके जितना सुखी कोई नहीं। क्योंकि इन्होंने इच्छाओ का त्याग किया है और आत्मा की मस्ती में ही डूबे रहते हैं। वर्तमान में भोग विलास की कितनी सामग्री हमारे पास कितने साधन है टेक्नोलॉजी भी इतनी है फिर भी पूछा जाय कि सुखी है हम तो जवाब आएगा नहीं। कुछ न कुछ तो हमे कम पड़ेगा ही। जीवन मे सब है गाड़ी, बंगला, करोड़ों की संपत्ति अच्छे कपड़े आभूषण परंतु हम सुखी नही हैं। चेहरे पर जो आनंद चाहिए वैसा है नहीं क्योंकि हमें इच्छाओं पर नियंत्रण नही है। जिनशासन के साधु प्रतिकूलता में भी प्रसन्न है क्यों कि उन्हें पता है की सच्चा सुख भीतर है। यह साधन सामग्री में नही।साधु भगवंतों का जीवन ही ऐसा है जिसमे कर्म बंध नही होता ना गैस लाइन, न पाइप लाइन,न गटर लाइन,न इलेट्रीक लाइन, इतना महान जीवन है साधु भगवंतों का। मातृछाया महिला संगठन जो सिद्धाचल धाम का समर्पित फाउंडर मंडल है। अध्यक्ष निर्मला दांतेवाडिय़ा और कन्वीनर त्रिशला कोठारी ने तीर्थ धाम में रजत सिंहासन के लिए तीर्थ धाम में चांदी अर्पण की।