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साध्वी तीर्थश्री ने तीनों मनोरथ पूर्ण कर जीवन को सफल किया

locationबैंगलोरPublished: Nov 26, 2021 07:31:58 am

Submitted by:

Yogesh Sharma

गुणानुवाद सभा का आयोजन

साध्वी तीर्थश्री ने तीनों मनोरथ पूर्ण कर जीवन को सफल किया

साध्वी तीर्थश्री ने तीनों मनोरथ पूर्ण कर जीवन को सफल किया

बेंगलूरु. वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ अक्कीपेट स्थानक में नवदीक्षित साध्वी तीर्थश्री के देवलोकगमन पर गुणानुवाद सभा का आयोजन साध्वी मयंकमणि के तत्वावधान में किया गया। साध्वी मयंकमणी ने मानव जीवन में संयम को अत्यंत दुर्लभ बताते हुए कहा कि अनादिकाल से चले आ रहे जनम मरण के दुखदायी चक्र को संयम साधना के द्वारा ही मिटाया जा सकता है। अनेक जन्मों के पुण्य का उदय होता है तब संयम लेने के भाव आते हैं। साध्वी तीर्थश्री ने संथारा की अवस्था में संयम को स्वीकार कर अपने जीवन को सार्थक कर लिया और एक नयी प्रेरणा का भी संचार किया है। साध्वी पराक्रमश्री ने उनके समभाव एवं धर्म पर दृढ़ निष्ठा की प्रशंसा की। साध्वी के संसार पक्षीय पति कांतिलाल गांधी ने उनके दीक्षा पूर्व 64 दिवसीय संथारे के समय प्रबल धर्म भावना एवं संयम अंगीकार करने के दृढ़ संकल्प का भावपूर्ण वर्णन किए। संघ के अध्यक्ष नेमीचंद सालेचा ने इसे अक्कीपेट संघ के लिए अत्यंत गौरवशाली क्षण बताते हुए साध्वी की दिव्या आत्मा को शाश्वत सुखों की प्राप्ति की कामना की। संघ मंत्री सुरेश कानूंगा ने संयम जीवन को शूरवीरों का मार्ग बताया। उपाध्यक्ष मोतीलाल ढेलडिय़ा ने संयम अनुमोदना गीति प्रस्तुत किया। माणकचंद बडेरा ने उनके सौभाग्य की सराहना करते हुए दिवंगत साध्वी की दैदीप्यमान साधना का गुणगान किया। सहमंत्री कल्याण श्रीश्रीमाल, अखिल भारतवर्षीय साधुमार्गी शांत क्रांति जैन श्रावक संघ बेंगलूरु के मंत्री अभयकुमार बांठिया, सिटी जैन संघ के ट्रस्टी चेतनप्रकाश डूंगरवाल, पार्क वेस्ट जैन संघ के हंसराज गांधी, टी.दासरहल्ली संघ के दिनेश सामरा, परिवार के विमलचंद गांधी, बाबूलाल बम्बकी, रमेशचंद दक, मीनाक्षी बम्बकी, महावीरचंद मुणोत, हार्दिक बम्बकी, संतोष बाफना ने साध्वी तीर्थश्री के दृढ़ मनोबल एवं कुल 65 दिवसीय सुदीर्घ संथारा के साथ संयम साधनापूर्वक देवलोकगमन को जैन समाज के इतिहास में स्वर्णिम अध्याय बताया।

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