साध्वी विद्यावती ने कहा कि महापुरुषों की यह महानता है कि वे स्वकल्याण के साथ-साथ जन कल्याण के भी प्रेरक होते हैं। महाश्रमण ऐसे ही तेजस्वी महापुरुष हैं, जो अपने ज्ञान दर्शन एवं चारित्र की रोशनी से अज्ञान को हरकर ज्ञान की रश्मियों से वसुंधरा को आलोकित कर रहे हैं।
साध्वी प्रियंवदा ने कहा कि आचार्य विलक्षण एवं अनुपमेय व्यक्तित्व के धनी हैं। कर्नाटक विधान परिषद के सदस्य लहरसिंह सिरोया ने महाश्रमण की विरल विशेषताओं का उल्लेख करते निरामय एवं चिरायु जीवन की शुभकामना प्रेषित की।
शुभारंभ विल्सन गार्डन की महिलाओं ने महाश्रमण अष्टकम से किया। नरेन्द्र नाहटा ने स्वागत भाषण दिया। राजीव बोहरा, सुभाष डागा, विनोद कोठारी, अणुव्रत समिति के अध्यक्ष कन्हैयालाल चिप्पड़, ललित मांडोत, तेरापंथ महिला मंडल की अध्यक्ष अनीता गांधी आदि ने विचार व्यक्त किए।
साध्वी प्रेरणाश्री ने मुक्तक, साध्वी मृदुयशा ने गीत तथा साध्वी ऋद्धियशा ने वक्तव्य के माध्यम से गुरुदेव की अभ्यर्थना की। तेरापंथ युवक परिषद के अध्यक्ष दिलीप भंसाली ने आभार जताया। अमित नाहटा एवं पारसमल भंसाली ने मुख्य अतिथि लहरसिंह सिरोया का सम्मान किया। संचालन जितेन्द्र घोषाल ने किया।