लाइफ स्टाइल बदलने का काम साधु संत करते हैं-साध्वी डॉ.गवेषणाश्री
बेंगलूरु. साध्वी डाॅ.गवेषणाश्री ने कहा -साधु संत ज्ञान के रत्नद्वीप होते हैं। मार्गदर्शक बनकर जागृति का शंखनाद करते हैं। व्यक्ति रोज कपड़े बदलते हैं, भोजन की वैरायटी बदलते हैं, बालों की स्टाइल बदलते हैं, पर अपनी लाइफ स्टाइल नहीं बदलते। यहां लाइफ स्टाइल बदलने का काम साधु संत करते हैं। बेंगलूरु शहर की 2 महीने की परिक्रमा में काफी कुछ देखने व सीखने को मिला। प्रत्येक क्षेत्र जागरुक है, क्रियाशील है यहां कि श्रद्धा, भक्ति, आस्था और साधु-संतों के प्रति अहोभाव बेजोड़ है। साध्वी मयंकप्रभा ने कहा- मंगल भावना, प्रमोदभावना और विनयशीलता का ***** है। मंगलभावना उदारता का परिचायक है। यहां का श्रावक समाज बहुत ही जागरूक है। साध्वी मेरुप्रभा एवं साध्वी दक्षप्रभा ने गीत प्रस्तुत किया। शांतिनगर श्रावक समाज की तरफ से साध्वी एवं उपस्थित सभी का स्वागत पारसमल धाेका ने किया। स्नेहिल चोरडि़या, राजराजेश्वरीनगर सभा अध्यक्ष छत्तरसिंह सेठिया, गांधीनगर सभा सहमंत्री राजेंद्र बैद, तेयुप हनुमंतनगर अध्यक्ष महावीर चावत, उपाध्यक्ष महावीर कटारिया, महिला मंडल अध्यक्ष स्वर्णमाला पोकरणा ने मंगल कामना व्यक्त करते हुए भाव व्यक्त किए। एमसी बरलोटा, नरेंद्र सुराणा, गौतम सेठिया, अमृतलाल भंसाली की उपस्थिति रही। जितेंद्र घोषल ने संचालन किया।