इसरो टीम के जज्बे को सलाम करता हूं: शिवन
बैंगलोरPublished: Jul 23, 2019 12:47:01 am
चंद्रमा के दक्षिणी धु्रव पर उतरने, वैज्ञानिक प्रयोग करने और एक ऐसे क्षेत्र की खोज करने का प्रयास है जो अभी तक अबूझ पहेली है
इसरो टीम के जज्बे को सलाम करता हूं: शिवन
बेंगलूरु. इसरो के अध्यक्ष के शिवन ने प्रक्षेपण के बाद कहा कि यह चंद्रमा की ओर भारत की ऐतिहासिक यात्रा की शुरुआत है। चंद्रमा के दक्षिणी धु्रव पर उतरने, वैज्ञानिक प्रयोग करने और एक ऐसे क्षेत्र की खोज करने का प्रयास है जो अभी तक अबूझ पहेली है। पहले प्रयास के दौरान तकनीकी खामी के कारण हमें गंभीर झटका लगा। लेकिन, इसरो ने शानदार वापसी की है। हम कक्षा में उम्मीद से भी 6000 किमी दूर तक गए, जिससे उपग्रह टीम को काफी लाभ मिलेगा। उन्हें मैनुवर के लिए अधिक ईंधन मिलेगा और यान की परिचालन उम्र भी अधिक होगी। तकनीकी खामी का पता चलने के बाद अगले एक से डेढ़ दिन तक इसरो के इंजीनियरों और तकनीशियनों ने जिस तरह दिन-रात एक कर दिया उसके लिए मैं उन्हें सलाम करता हूं। बिना थके, बिना आराम किए काम करते रहे। पिछले एक सप्ताह के दौरान जिस तरह का परिश्रम टीम ने किया है वह साधारण नहीं है।
कामयाब हुए तो…
अमरीका, रूस और चीन के बाद भारत विश्व का चौथा ऐसा देश होगा जो चांद की धरती पर अपना लैंडर उतारेगा। वहीं, भारत विश्व का पहला देश होगा जो चांद के दक्षिणी धु्रव पर उतरेगा। ब्रह्मांड के किसी दूसरे पिंड पर उतरने की तकनीक भारत हासिल कर लेगा। यह नई तकनीक है जो देश को पहली बार मिलेगी। हम चांद के उस हिस्से में उतरने जा रहे हैं जहां कोई देश नहीं पहुंचा। इससे हमें चांद के बारे में कई नई वैज्ञानिक जानकारियां मिलेंगी। चंद्रयान-1 ने चांद पर पानी की खोज की थी। यह मिशन उन निष्कर्षों की पुष्टि करेगा साथ ही प्रयोगों को आगे बढ़ाएगा। यह चांद पर बस्तियां बसाने एवं दूसरे ग्रहों की खोज के लिए चांद को एक पड़ाव के रूप में इस्तेमाल करने की दिशा में अहम कदम साबित होगा। यह मिशन युवा छात्रों के मन को विज्ञान के लिए प्रेरित करेगा। प्रतिभावान युवा नए आइडिया विकसित करने के लिए तैयार होंगे।