बैंगलोर

हर सरकार ने दिख्राया ‘फिल्म सिटी’ का सब्जबाग

संदलवुड की मांग 40 वर्ष से लंबित
राजनीति होने से सरकारों के वादों के अनुरूप फिल्म सिटी की योजना साकार नहीं हो सकी

बैंगलोरSep 18, 2019 / 12:19 am

Rajendra Vyas

हर सरकार ने दिख्राया ‘फिल्म सिटी’ का सब्जबाग

संजय कुलकर्णी
बेंगलूरु. गत सौ वर्षों से सक्रिय सालाना 300 करोड़ से अधिक कारोबार करने वाले कन्नड़ फिल्म उद्योग ‘संदलवुड’ की फिल्म सिटी की मांग गत तीन-चार दशक से लंबित है। हर सरकार ने फिल्म सिटी का सब्जबाग दिखाया है। इसको लेकर राजनीति होने से सरकारों के वादों के अनुरूप फिल्म सिटी की योजना साकार नहीं हो सकी है। हेसरघट्टा, मैसूरु, रामनगर के बाद अब तातगुणी एस्टेट में फिल्म सिटी की प्रस्तावित योजना को लेकर भी विवाद शुरू हो जाने से इस पर सवालिया निशान लगा है। इससे पहले भी फिल्म सिटी स्थापित करने के लिए कई प्रस्ताव रखे गए थे। वर्ष 1985-86 जब रामकृष्ण हेगड़े मुख्यमंत्री थे, तब हेसरघट्टा के निकट फिल्म सिटी बनाने का प्रस्ताव रखा गया, इसके लिए 100 एकड़ भूमि भी चिह्नित की गई। इससे आगे प्रस्ताव नहीं बढ़ सका।
मैसूरु के बाद रामनगर
वर्ष 2012-13 में तत्कालीन मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या ने फिल्म सिटी बेंगलूरु के बदले मैसूरु के निकट स्थापित करने की योजना तैयार की। यह प्रस्ताव भी भूमि चिह्नित करने से आगे नहीं बढ़ सकी। फिर 2019 में कांग्रेस तथा जनता दल-एस गठबंधन सरकार के कार्यकाल में मुख्यमंत्री ने रामनगर जिले में फिल्म विश्वविद्यालय बनाने का प्रस्ताव लाए, यह प्रस्ताव भी दस्तावेजों में सिमटकर रह गया। बजट में इसके के लिए आवश्यक भूमि अधिग्रहण के लिए अनुदानआवंटित कर जिला प्रशासन को भूमि चिह्नित करने के निर्देश दिए गए।
अब तातगुणी एस्टेट के प्रस्ताव का विरोध
अब मुख्यमंत्री बीएस येडियूरप्पा ने रामनगर तथा मैसूरु में प्रस्तावित योजनाओं को तिलांजलि देते हुए शहर के बाहरी क्षेत्र में कनकपुरा रोड पर 650 एकड़ क्षेत्र में फैले ‘तातगुणी रोरिक एस्टेटÓ में फिल्म सिटी बनाने का प्रस्ताव रखा है। इसकी घोषणा होते ही पर्यावरणविद तथा कलाकारों ने विरोध करते हुए प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है। पर्यावरणविदों का दावा है कि यहां फिल्म सिटी के निर्माण से जैव विविधता का खतरा होगा। यहां रूसी कलाकार रोरिक तथा दादासाहेब फालके पुरस्कार से पुरस्कृत अभिनेत्री देविका रानी की स्मृति में कई भवन तथा आर्ट गैलरियों का निर्माण किया गया है। लिहाजा राज्य के कलाकार तथा पर्यावरणविद यहां पर फिल्म सिटी बनाने के प्रस्ताव के खिलाफ लामबंद हो रहे हैं। इसलिए मुख्यमंत्री बीएस येडियूरप्पा के फिल्म सिटी के प्रस्ताव पर भी सवालिया निशान लगा है।
क्या कहता है संदलवुड
संदलवुड के मशहूर फिल्म निर्देशक एसवी राजेंद्रसिंह के मुताबिक फिल्म सिटी के लिए मैसूरु ही सबसे उपयुक्त है। बेंगलूरु के बदले मैसूरु में ही फिल्म सिटी का निर्माण किया जाना चाहिए। बेंगलूरु जैसे व्यस्ततम शहर में यातायात की समस्या के कारण शहर के बाहरी क्षेत्र में स्थित किसी फिल्म सिटी तक पहुंचने में ही काफी समय लगेगा।
गुणवत्तापूर्ण फिल्मों के लिए दरकार
अभिनेता रक्षित शेट्टी के मुताबिक संदलवुड में सुसज्जित फिल्म सिटी नहीं होने से अधिकतर फिल्मों की शूटिंग हैदराबाद की रामोजी फिल्म सिटी में की जा रही है। हाल में प्रदर्शित कुरुक्षेत्र का अधिकतर फिल्मांकन इसी फिल्म सिटी में किया गया था। इसके लिए 15 से 20 करोड़ रुपए का शुल्क अदा किया गया है। राज्य में अद्यतन सुविधाओं के साथ फिल्म सिटी की स्थापना होने से संदलवुड की फिल्मों की गुणवत्ता सुधरने की संभावना है।
प्रस्ताव को लेकर अभी तक केवल राजनीति
फिल्म निर्देशक योगराज भट के मुताबिक अभी तक हम फिल्म सिटी का निर्माण कहां पर हो? इसी बात को लेकर हो रही राजनीति में व्यस्त हैं। कोई ठोस प्रयास नहीं हो रहे हैं। सरकार बदलती है, साथ में फिल्म सिटी की जगह भी बदलती है। इसके अलावा हमने अभी तक कुछ भी हासिल नहीं किया है। फिल्म सिटी के निर्माणा की घोषणा के साथ ही विवाद होना दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसे अडिय़ल रुख से ही संदलवुड की फिल्म सिटी एक स्वप्न बनकर रह गई है। लिहाजा मुख्यमंत्री येडियूरप्पा को इस मामले को गंभीरता से लेते हुए फिल्म सिटी के निर्माण के प्रस्ताव को साकार करना चाहिए।

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