नेता प्रतिपक्ष सिद्धरामय्या ने कहा ‘समाज में टकराव उत्पन्न करने की कोशिश कर रहे संघ परिवार के बहकावे में ना आएं। हमेशा आरक्षण के विरोध में रहने वाली भाजपा नेताओं का विभिनन्न समुदायों के लिए आरक्षण की मांग क्या वास्तविक है। या यह सामाजिक न्याय के लिए संघर्ष को भ्रमित करने की एक और राजनीतिक रणनीति है।Ó उन्होंने कहा कि संघ परिवार चाहता है कि यह मामला कानूनी लड़ाई में उलझ जाए। आरक्षण की मांग के समर्थन में सड़क पर उतरने वाले भाजपा के मंत्रियों व विधायकों को भी साफ करना चाहिए कि वे किसके खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि तमिलनाडु की तर्ज पर अगर आरक्षण की सीमा 73 फीसदी तक बढ़ाई जाए तभी इस समस्या का समाधान संभव है। मौजूदा 50 फीसदी से कम आरक्षण में सभी समुदायों को आरक्षण संभव नहीं है। जो समुदाय शैक्षणिक तथा सामाजिक रुप से पिछड़े हैं, उन्हें ही आरक्षण दिया जा सकता है। समुदाय के लोग गरीब हैं इस मानदंड पर किसी भी समुदाय को आरक्षण नहीं दिया जा सकता। ऐसा करना संविधान का उल्लंघन होगा और वह कानून की कसौटी पर नहीं टिकेगा।
समुदाय के अभियान को विफल करने का प्रयास : यत्नाल तुमकूरु. वीरशैव तथा लिंगायत समुदाय के मठ प्रमुखों की बैठक आयोजित कर पंचशाली समुदाय के अभियान को विफल करने का प्रयास किया जा रहा है। भाजपा के विधायक बसवराज पाटिल यत्नाल ने यह बात कही।उन्होंने यहां रविवार को मुख्यमंत्री बीएस येडियूरप्पा के पुत्र बीवाई विजयेंद्र पर निशाना साधते हुए कहा, यह बात अब किसी से छिपी नहीं है कि इन बैठकों का सूत्रधार कौन है।
उन्हें पार्टी आलाकमान से कोई नोटिस अभी तक नहीं मिला लेकिन इससे पहले ही प्रदेश उपाध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र को नोटिस जारी होने की जानकारी कैसे मिल गई? उन्होंने कहा कि वे ऐसी धमकियों से कतई चिंतित नहीं है। जब नोटिस मिलेगा, वे जवाब देंगे।उन्होंने कहा कि पिछले दिनों हुए 42 आइएएस अधिकारियों के तबादलों में भ्रष्टाचार हुआ है। अधिकारियों के तबादले भी एक उद्योग बन गया है।