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बहेगी कन्नड़ साहित्य की सरिता

locationबैंगलोरPublished: Jan 04, 2019 11:48:56 pm

84वें अखिल भारतीय कन्नड़ साहित्य सम्मेलन का शुभारंभ धारवाड़ में शुक्रवार से होगा। कृषि विश्वविद्यालय परिसर में होने वाले सम्मेलन की अध्यक्षता ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित लेखक डॉ. चंद्रशेखर कंबार करेंगे।

बहेगी कन्नड़ साहित्य की सरिता

बहेगी कन्नड़ साहित्य की सरिता

बेंगलूरु. 84वें अखिल भारतीय कन्नड़ साहित्य सम्मेलन का शुभारंभ धारवाड़ में शुक्रवार से होगा। कृषि विश्वविद्यालय परिसर में होने वाले सम्मेलन की अध्यक्षता ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित लेखक डॉ. चंद्रशेखर कंबार करेंगे।

इससे पूर्व १९५७ में धारवाड़ में 39वें सम्मेलन का आयोजन किया गया था, जिसकी अध्यक्षता के.वी. पुट्टप्पा (कुवेंपु) ने की थी। तीन दिवसीय साहित्य सम्मेलन में 18 हजार प्रतिनिधियों के साथ दो लाख से अधिक लोगों के शिरकत करने का अनुमान है। सम्मेलन में भाग लेने के लिए अभी तक 15,175 प्रतिनिधियों ने पंजीकरण कराया है।

सम्मेलन के पहले दिन भी पंजीकरण की व्यवस्था की गई है। सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए राज्य सरकार की ओर से 8 करोड़ रुपए का अनुदान जारी किया गया है। इसके अलावा निजी क्षेत्र से 30 लाख रुपए संग्रहित किए गए हैं।


शोभायात्रा से होगा सम्मेलन आरंभ
शुक्रवार को सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ. चंद्रशेखर कंबार की कर्नाटक कॉलेज के मैदान से सम्मेलन स्थल तक भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी। जिसमें 15 झांकियां, राज्य के 30 जिलों के 750 लोक कलाकार, 1001 कलशधारी महिलाएं तथा विविध शिक्षण संस्थानों के 15 हजार से अधिक विद्यार्थी भाग लेंगे।


जिला सार्वजनिक शिक्षा विभाग के सहनिदेशक की ओर से जारी आदेश के तहत जिले के सभी स्कूल तथा कॉलेज में 4 एवं 5 जनवरी को अवकाश घोषित किया है। ताकि छात्र इस सम्मेलन में शामिल हाकर इसका लाभ उठा सकें।


सम्मेलन में 26 विचार संगोष्ठियां तथा राज्य स्तरीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया है। विभिन्न क्षेत्रों में योगदान देने वालों के लिए दो सम्मान समारोह, एक खुला अधिवेशन तथा अध्यक्षीय भाषण सम्मेलन की विशेषता होगी। समापन समारोह में विशेष प्रस्ताव पारित किए जाएंगे।


दुल्हन की तरह सजी धारवाड़ नगरी
सम्मेलन के लिए धारवाड़ शहर के हर चौराहे पर लाल-पीले कन्नड़ झंडे लहरा रहे हैं। आयोजन स्थल में विशालकाय मंच का निर्माण किया गया है। सभागार में मंच के कार्यक्रमों को देखने के लिए 6 बड़े एलइडी स्क्रीन स्थापित किए गए हैं। इसके अलावा यहां पर पुस्तकों के 500 स्टॉल तथा 250 वाणिज्यिक स्टॉल स्थापित हैं। प्रमुख सडक़ों की मरम्मत और विस्तार किया गया है। सम्मेलन स्थल धारवाड़ शहर से दूर होने के कारण गणमान्य अतिथि तथा प्रतिनिधियों की आवाजाही के लिए 250 बसों की व्यवस्था की गई है। नए तथा पुराने बस अड्डे के अलावा, रेलवे स्टेशन, गांधीनगर से आयोजन स्थल के लिए परिसर 50 बसों की नि:शुल्क व्यवस्था की गई है। भोजन के लिए 120 काउंटर स्थापित किए गए हैं। भोजन बनाने के लिए 2000 से अधिक रसोइए पहुंचे हैं। विशेष अतिथि तथा पत्रकारों के लिए भोजन की अलग व्यवस्था की गई है। पेयजल के लिए सम्मेलन स्थल पर 600 नल स्थापित किए गए हैं।


जारी करें सरोजिनी महिषी आयोग की संशोधित रिपोर्ट
हुब्बल्ली. कदंब सेना के प्रदेशाध्यक्ष बेक्री रमेश ने मांग की है कि कन्नड़ साहित्य सम्मेलन में डॉ. सरोजिनी महिषी संशोधित रिपोर्ट जारी करने तथा सरकारी स्कूलों में समान शिक्षा लागू करने का फैसला लेना चाहिए।


उन्होंने गुरुवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पिछले कई दशकों से डॉ. सरोजिनी महिषी रिपोर्ट लागू नहीं हुई है। इससे बहुत सारे कन्नडिग़ा रोजगार से वंचित हो रहे हैं। सरोजिनी महिषी संशोधित रिपोर्ट लागू करने से निजी स्वामित्व के उद्योग, संस्थाओं में कन्नडिग़ाओं को रोजगार उपलब्ध होगा। इसके चलते सम्मेलन में इस महत्वपूर्ण फैसले को लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में स्कूलों में अंग्रेजी मीडियम आरम्भ करने को सरकार आगे आई है।


इस बारे में साहित्य परिषद अध्यक्ष मनु बलिगार ने अंग्रेजी मीडियन के खिलाफ गोकाक आंदोलन की तर्ज पर आंदोलन करने की चेतावनी दी है परन्तु निजी स्कूलों के बारे में मौन धारण कर उग्र आंदोलन करने का बयान देने वाले मनु बलिगार का बयान संदेहास्पद है। इसके चलते समान शिक्षा व्यवस्था लागू करने की मांग को लेकर सरकार पर दबाव बनाने का फैसला लेना चाहिए।

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