वल्र्ड आर्गानाईजेशन ऑफ एनिमल हेल्थ (डब्ल्यूओए) के नियमों के तहत लगभग तीन माह तक यह प्रतिबंध रहेगा। केवल बेंगलूरु में यह बीमारी दिखाई देने पर देश के सभी मुर्गियों और अंडों के निर्यात पर इसका असर पड़ता है। अगले तीन माह तक मुर्गियों या अंडों को निर्यात नहीं किया जा सकता।
अंतरराष्ट्रीय मार्केटिंग के नियमों के अनुसार देश के हर राज्य में ज़ोन बनाकर इस तरह की समस्याों को संबंधित जोन से ही निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का अधिकार दिया जा सकता था। केंद्र सरकार को कई साल पहले इस तरह का प्रस्ताव पेश किया गया था। केंद्र सरकार ने इस विषय में कोई रुचि नही दिखाई थी।
केंद्र सर कार को शीघ्र हस्त क्षेप कर हर राज्य में जोन बनाने की जरूरत है।पशु पालन विभाग के प्रमुख सचिव राज कुमार खत्री ने पत्र कारों को बता या कि वर्ष २०१२ में भी सउदी अरब ने बर्ड फ्लू का पता चलने पर मुर्गियों और अंडों के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था। बेंगलूरु और प्रदेश में २६ अक्टूबर २०१२ से २६ जन वरी २०१३ तक मुर्गी और अंडों के निर्यात पर प्रतिबंध लगा था। उस समय हेसरघट्टा में यह बीमारी दिखाई दी थी।
दासरहल्ली के एक किलो मीटर के अंतर्गत सभी मुर्गी की दुकानों को बंद किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश से ओमान को २६ फीसदी और सउदी अरब को १५ फीसदी मुर्गियों और अंडों को निर्यात किया जाता है।