वही बोलें, जिस पर हस्ताक्षर किए जा सकें-साध्वी अणिमाश्री
बैंगलोरPublished: Nov 30, 2020 07:18:11 pm
वर्कशॉप ऑन जोयफुल लिविंग
वही बोलें, जिस पर हस्ताक्षर किए जा सकें-साध्वी अणिमाश्री
बेंगलूरु. साध्वी अणिमाश्री के सान्निध्य में गांधीनगर तेरापंथ भवन में महिला मंडल बेंगलूरु के तत्वावधान में जोयफुल लिविंग पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। साध्वी अणिमाश्री ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा हर व्यक्ति जोयफुल लिविंग चाहता है। इच्छा भी करता है कि मेरी जिन्दगी के हर कदम पर खुशहाली की कलियां फूल बनाकर मुस्कुराती रहें। विचार करना है कि यह सपना साकार कैसे हो। इस सपने को सच मे बदलने के लिए कुछ करना होगा। सबसे पहले हमें अपने विचार के बहते प्रवाह पर दृष्टि रखनी होगी। क्योंकि व्यक्ति व्यवहार करता है दस प्रतिशत, शब्द बोलता है बिस प्रतिशत, लेकिन सोचता है सत्तर प्रतिशत। हमारे जीवन की प्रत्येक गतिविधि हमारे विचारों का अनुगमन करती है। भीतर में जो विचार उठते है, वे ही शब्द बनते हैं। जैसे शब्द-वैसी वाणी, जैसी वाणी-वैसा व्यवहार। अत: खुशहाली का पहला पायदान है विचारों का रूपांतरण। याद रखिए सोचिए वही जिसे बोला जा सके और बोलिए वही जिस पर हस्ताक्षर किए जा सकें। खुशहाली का दूसरा पायदान है। हर व्यक्ति की अच्छाई पर नजर है। खुशहाल जिंदगी का तीसरा पायदान है-हाथों पर मेहनत का रंग लगाए। मेहंदी का रंग सात दिन में फीका पड़ जाता लेकिन मेहनत का रंग जीवन भर फल देता है। जीवन मे आनेवाली मुसीबतों से घबराएं नहीं। ये मुसीबतें तो वाशिंग मशीन की तरह होती है जो हमें घुमाती है, रगड़ती हैं, धुलाई करती हैं, निचोड़ती भी हैं। मगर जब धोकर बाहर निकलती है तो जिन्दगी की चमक बढ़ जाती है। हमेशा खुशहाल जिन्दगी जिएं। साध्वी कर्णिकाश्री ने कहा समता, ममता व क्षमता का दामन थामने वाला ही खुशहाल रह सकता है। साध्वी समत्वयशा ने मंगल सुमधुर गीत का संगान किया। साध्वी मैत्रीप्रभा ने मंच का संचालन किया। मंडल अध्यक्ष शांति संकलेचा ने विचार व्यक्त किए। विजेता रायसोनी, मेघना सेठिया, अनिता नाहर, वनिता दुगड़, संगीता नाहर ने मंगल संगान किया।