अयोग्य ठहराए गए विधायकों ने अध्यक्ष के फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी। मामले की सुनवाई के दौरान ही चुनाव आयोग ने विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के कारण रिक्त हुई 17 में से 15 सीटों पर 21 अक्टूबर को उपचुनाव कराने की घोषणा कर दी थी। इसके बाद अयोग्य ठहराए गए विधायकों ने उपचुनाव स्थगित करने या उन्हें भी चुनाव लडऩे की अनुमति देने की मांग को लेकर अदालत में याचिका दायर की। इसके बाद आयोग ने उपचुनाव ५ दिसम्बर को कराने की घोषणा की थी। इस बीच, विधायकों के पाला बदल को लेकर येडियूरप्पा का एक ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद कांग्रेस ने शीर्ष अदालत से उसे सबूत के तौर पर रिकॉर्ड में लेने की अपील की थी लेकिन अदालत ने उसे खारिज कर दिया था।
उपचुनाव की प्रक्रिया जारी, फैसले का इंतजार
सोमवार को उपचुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया दुबारा शुरू हो गई। हालांकि, कांग्रेस को छोड़कर किसी भी दल ने अभी उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है। सभी दलों को अदालत के फैसले का इंतजार है। कांग्रेस और भाजपा में एक-दूसरे के बागी नेताओं को टिकट देने को लेकर घमासान की स्थिति बनी हुई है। जद-एस भी उम्मीदवारों के चयन के लिए अदालत के फैसले का इंतजार कर रहा है। कांग्रेस ने पहली सूची में आठ उम्मीदवार घोषित किए थे लेकिन बाकी उम्मीदवारों की घोषणा के लिए कांग्रेस भी फैसले का इंतजार कर रही है।
सोमवार को उपचुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया दुबारा शुरू हो गई। हालांकि, कांग्रेस को छोड़कर किसी भी दल ने अभी उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है। सभी दलों को अदालत के फैसले का इंतजार है। कांग्रेस और भाजपा में एक-दूसरे के बागी नेताओं को टिकट देने को लेकर घमासान की स्थिति बनी हुई है। जद-एस भी उम्मीदवारों के चयन के लिए अदालत के फैसले का इंतजार कर रहा है। कांग्रेस ने पहली सूची में आठ उम्मीदवार घोषित किए थे लेकिन बाकी उम्मीदवारों की घोषणा के लिए कांग्रेस भी फैसले का इंतजार कर रही है।