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…और अभिभावक हो गए नाराज

locationबैंगलोरPublished: Jun 05, 2019 08:24:39 pm

Submitted by:

Rajendra Vyas

स्कूल शिक्षा: अंग्रेजी माध्यम के सरकारी स्कूलों में लॉटरी से दाखिले का विरोध, अभिभावकों ने दिया धरना

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…और अभिभावक हो गए नाराज

बेंगलूरु. राज्य योजना निदेशालय के निदेशक ने इसी सत्र से ही सरकारी प्राथमिक स्कूलों में पहली कक्षा से ही आरंभ होने वाले अंग्रेजी माध्यम में दाखिले के लिए बच्चों के लिए लॉटरी प्रणाली का निर्णय किया है। इसके खिलाफ अभिभावकोंं ने नाराजगी जताई और मंगलवार को मैसूरु बैंक सर्कल पर धरना दिया।
अभिभावकों ने बताया कि पहले 30 बच्चों को दाखिला देने से संंबंधित अधिसूचना जारी की गई थी। सरकार ने एक हजार सरकारी प्रथामिक स्कूलों में पहली कक्षा से ही अंग्रेजी माध्यम आरंभ करने की अनुमति दी थी, इसके लिए प्रवेश प्रक्रिया शुरू की गई है। प्रवेश के लिए बड़ी संख्या में आवेदन आए हैं। कई जिलों में ज्यादा संख्या में अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों की संख्या बढ़ाने की मांग हो रही है।
अभिभावकों ने आरोप लगाया है कि कई स्कूलों में 30 से अधिक बच्चों को प्रवेश दिया गया है। इससे अध्यापकों को परेशानी होने लगी है। सरकार की ओर से एक शिक्षक को नियुक्त किया गया है। इसी कारण कम संख्या में प्रवेश का निर्णय लिया गया। अब यदि प्रवेश ले चुके बच्चों का नाम लॉटरी में नहीं आया तो वे कहां जाएंगे।
पाठ्य पुस्तकें तक नहीं हुई तैयार
शिक्षकों को निर्देश दिया गया है कि अन्य बच्चों को कन्नड़ माध्यम के स्कूलों में प्रवेश के लिए अभिभावकों से अनुुरोध किया जाए, लेकिन शिक्षकों के अनुरोध को कोई नहीं मान रहा है। अंग्रेजी माध्यम सकूलों में अभी तक पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध नहीं हंै। युनिसेफ, अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय, आरआइइएस और राज्य के शिक्षकों द्वारा अंग्रेजी स्कूलों में इस्तेमाल होने वाले पाठ्यक्रम के अनुसार पाठ्य पुस्तकें तैयार करने का कार्य चल रहा है।
अधिकारियों को सौंपी जिम्मेदारी
अभिभावकों को मनाने की जिम्मेदारी जिला उप निदेशकों और क्षेत्रीय शिक्षा अधिकारियों को सौंपी है। उन्होंने यह जिम्मेदारी शिक्षकों पर डाल दी है। कई अभिभावकों ने आरोप लगाया कि अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में एक शिक्षक को नियुक्त करना न्यायसंगत नहीं है। वर्तनान शिक्षकों को ही विशेष प्रशिक्षण देकर उन्हें अंग्रेजी पढ़ाने की जिम्मेदारी दी जा सकती है।

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