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करंट लगने से झुलसा बालक

locationबैंगलोरPublished: May 17, 2019 11:05:14 pm

शहर के मत्तिकेरे के नेताजी नगर में हाई टेंशन बिजली की तार लगने से एक बालक गंभीर रूप से झुलस गया और उसे इलाज के लिए विक्टोरिया अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

करंट लगने से झुलसा बालक

करंट लगने से झुलसा बालक

बेंगलूरु. शहर के मत्तिकेरे के नेताजी नगर में हाई टेंशन बिजली की तार लगने से एक बालक गंभीर रूप से झुलस गया और उसे इलाज के लिए विक्टोरिया अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

महापौर गंगाम्बिका, उप महापौर भद्रेगौड़ा, पालिका में सत्तारूढ़ दल के नेता अब्दुल वाजिद और अन्य पार्षदों ने अस्पताल जाकर बालक का हाल चाल पूछा। महापौर ने कहा कि उपचार का सारा खर्च पालिका बर्दाश्त करेगी और परिवार को सरकार की ओर से मुआवजा दिया जाएगा।

महापौर गंगाम्बिका ने गुरुवार को संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि नेताजी नगर दूसरे क्रास पाइप लेन निवासी निखिल (१४) पड़ोसी बच्चों के साथ क्रिकेट खेल रहा था। गेंद एक मकान की छत पर जा गिरी, जिसे लेने गए निखिल का हाथ हाई टेंशन लाइन की तार से छू गया। जोरदार करंट से उसका शरीर पचास फीसदी तक झुलस गया है। एक निजी अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद उसे विक्टोरिया अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। महापौर ने बताया कि कहा कि निखिल को ४८ घंटे के लिए आब्जर्वेशन में रखा गया है।


चिकित्सकों की एक टीम निखिल पर नजर रखे हुए है। निखिल आराम से बातें कर रहा है। घटना स्थल का भी मुआयना किया गया। वहां गत ५० साल से ही बिजली के टॉवर और हाई टेंशन लाइन की तारें हैं। कई लोगो ने घर बना लिए हैं। तारों के नीचे ही मकान और भवन हैं। कर्नाटक ऊर्जा संप्रेषण निगम लिमिटेड (केपीटीसीएल) ने कई साल पहले ही नागरिकों को बिजली की तारों से बीस फीट दूरी पर मकान को निर्मित करने की हिदायत दी थी।

फिर भी नागरिकों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। उप मुख्यमंत्री और शहरी विकास मंंत्री की अध्यक्षता में बेसकॉम और केपीटीसीएल के वरिष्ठ अधिकारियों की एक बैठक में इस तरह की घटनाओं की रोकथाम के लिए एहतियाती कदम उठाने पर एक कार्यक्रम बनाया जाएगा। निखिल आठवीं कक्षा का छात्र है और यलहंका के एक निजी हाई स्कूल का छात्र है।

गर्मी के साथ बढ़ी बिजली की खपत, प्रतिदिन की मांग 228 मिलियन यूनिट
बेंगलूरु. गर्मी कारण राज्य में बिजली की मांग में लगातार वृद्धि को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार ने बिजली कटौती के संकेत दिए हैं। प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक गत वर्ष इसी समयावधि के दौरान बिजली की मांग 177 मिलियन यूनिट थी, जो आज 228 मिलियन यूनिट तक पहुंच गई है।

इस बीच कोयले की आपूर्ति के अभाव में रायचूर, बल्लारी तथा यरमरस ताप ऊर्जा संयंत्रों की कई इकाइयां ठप होने से बिजली उत्पादन में भारी गिरावट हुई हैै। इस कारण से आनेवाले दिनों में बिजली आपूर्ति में कटौती करना अनिवार्य होगा। बिजली की मांग तथा उत्पादन के बीच 30 से 40 लाख मिलियन यूनिट का अंतर है। इसलिए मांग के अनुपात में आपूर्ति संभव नहीं हो रहा है।


मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने ऊर्जा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर पेयजल आपूर्ति तथा सिंचाई के लिए न्यूनतम बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। आवश्यकता होने पर पड़ोसी राज्यों से बिजली खरीदने को कहा गया है। लोड शेडिंग को लेकर बिजली आपूर्ति कंपनियों की ओर से कोई अधिकृत सूचना जारी नहीं की गई है, लेकिन राज्य के कई जिलों में घंटों तक बिजली गुल रहती है। इसे अघोषित बिजली कटौती कहा जा रहा है। कर्नाटक ऊर्जा निगम (केपीसी) के अनुसार गर्मी के दिनों में अधिक पनबिजली उत्पादन संभव नहीं है।

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