पोन्नमपेट के आसपास के लोगों के लिए लगातार खतरा बने इस बाघ को मारने के लिए बुधवार को भी 150 वन कर्मचारियों द्वारा कोम्बिंग ऑपरेशन चलाया गया। बाघ को खोजने के लिए तीन टीमें बनाई गई हैं, जिसमें तीन शार्प शूटर शामिल हैं।
बेलूर, थावलगेरी, टी. शेट्टीगिरी, नेम्मले और श्रीमंगला में रहने वाले लोगों में बाघ को लेकर भय है। भयभीत लोग डर के कारण अपने घरों से बाहर आने में भी संकोच करते हैं और डर के कारण काम करने के लिए कॉफी बागानों में नहीं जा रहे हैं।
पश्चिमी घाट पर बसा पहाड़ी जिला कोडगू हाल के वर्षों में आए दिन मानव-पशु संघर्ष के कारण चर्चा में रहा है। हिंसक पशुओं की मौजूदगी स्थानीय निवासियों के लिए चिंता का विषय रही है।
समय रहते कदम नहीं उठाया
कोडगू रक्षणा वेदिके अध्यक्ष पावन पेम्मैया के अनुसार यदि वन विभाग ने जल्द कार्रवाई की होती तो यह स्थिति नहीं आती। अब, कॉफी बागानों में काम करने वाले लोग डरते हैं। क्षेत्र में मानव-पशु संघर्षों (man-animal conflicts) को नियंत्रित करने के लिए वन विभाग, विधायकों और जिला प्रशासन द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गया है।
कोडगू रक्षणा वेदिके अध्यक्ष पावन पेम्मैया के अनुसार यदि वन विभाग ने जल्द कार्रवाई की होती तो यह स्थिति नहीं आती। अब, कॉफी बागानों में काम करने वाले लोग डरते हैं। क्षेत्र में मानव-पशु संघर्षों (man-animal conflicts) को नियंत्रित करने के लिए वन विभाग, विधायकों और जिला प्रशासन द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गया है।