ये बातें स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. के. सुधाकर ने कही। वे शुक्रवार को विधान सौधा में टीएसी के विशेषज्ञ सदस्यों के साथ हुई बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि दिसंबर, जनवरी और फरवरी में ठंड होने के कारण भी वायरस के प्रसार का खतरा ज्यादा है। अन्य देशों के रिकॉर्ड के अनुसार प्रारंभिक लहर का प्रभाव कम होने के 45-90 दिनों के बाद कोरोना वायरस ने फिर से सिर उठाया है। टीएसी की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में दूसरी लहर की संभावनाएं हैं। बैठक में इस दौरान उठाए जाने वाले एहतियाती उपायों पर विस्तृत चर्चा की गई।
उन्होंने कहा कि विवाह समारोह में 100 सदस्यों से अधिक नहीं होने चाहिए। धार्मिक गतिविधियों और राजनीतिक कार्यक्रमों में 200 से ज्यादा लोग जमा नहीं हों। इस बारे में मुख्यमंत्री से चर्चा होगी। इसके अलावा मास्क, सामाजिक दूरी और कोविड नियंत्रण अन्य दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन हो।
नए साल का जश्न अर्थहीन
डॉ. सुधाकर ने कहा कि नव वर्ष भारतीयों का त्योहार नहीं है। जब समाज में जीवन और आजीविका का नुकसान हो रहा हो तो उत्सव का कोई अर्थ नहीं है। लोगों को समझदार होना चाहिए और दिशा-निर्देश का पालन करना चाहिए।
अन्य बिंदु
– सरकारी और निजी अस्पताल कोविड मरीजों के उपचार के लिए हमेशा तैयार हैं। जरूरत पडऩे पर बिस्तरों की संख्या बढ़ाई जाएगी।
– फरवरी के अंत तक टेस्टिंग जारी रहेगी। प्रतिदिन एक लाख आरटीपीटी परीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं।
– स्कूलों और कॉलेजों को खोला जाए या नहीं, यह तय करने के लिए दिसंबर के तीसरे सप्ताह के दौरान एक बैठक आयोजित की जाएगी।