चांद का दीदार कर तोड़े जाने वाले इस व्रत के लिए महिलाओं को इस बार चांद ने काफी इंतजार कराया। साढ़े चौदह घंटे के व्रत उपरांत रात 8.40 बजे चंद्रोदय का समय था लेकिन बादलों की ओट में छिपा चांद अपने दर्शन देने में देर करता रहा। गुरुवार को दोपहर से ही आसमान पर बादल छाए रहने के कारण चांद दिखने में देरी हुई। व्रतियों ने नियम समय पर छलनी में चांद को देखते हुए अपने पति का चेहरा देखा और आरती कर व्रत तोड़ा।
कई जगहों पर सामूहिक रूप से करवा चौथ की पूजा एवं प्रसंग वाचन का कार्यक्रम हुआ। चांद देखने के लिए विभिन्न आवासीय परिसरों में विशेष पूजन व्यवस्थाएं की गई। बेंगलूरु सहित मैसूरु, मंड्या, चामराजनगर, तुमकूरु आदि जिलों में भी प्रवासियों ने करवा चौथ पर कई प्रकार के धार्मिक आयोजन किए।
कई जगहों पर सामूहिक रूप से करवा चौथ की पूजा एवं प्रसंग वाचन का कार्यक्रम हुआ। चांद देखने के लिए विभिन्न आवासीय परिसरों में विशेष पूजन व्यवस्थाएं की गई। बेंगलूरु सहित मैसूरु, मंड्या, चामराजनगर, तुमकूरु आदि जिलों में भी प्रवासियों ने करवा चौथ पर कई प्रकार के धार्मिक आयोजन किए।