रेलवे के स्थाई मार्ग अभियंताओं की सेमिनार सम्पन्न
देश विदेश के अभियंताओं ने लिया भाग

बेंगलूरु. रेल मंत्रालय की ओर से गोवा में देश भर के रेलवे में कार्यरत स्थाई मार्ग अभियंताओं का दो दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार का उद्घाटन रेल राज्यमंंत्री सुरेश अंगड़ी ने किया। इस अवसर पर सदस्य इंजीनियरिंग विश्वेश चौबे, दक्षिण पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक अजयकुमार सिंह भी उपस्थित थे। सेमिनार में देश के अलाव विदेशों से आए अभियंताओं ने भाग लिया।
सेमिनार के दौरान भारतीय रेलवे के बुनियादी ढांचे के विस्तार और उन्नयन में ट्रैक मशीनों उपयोग से ट्रैक दोहरीकरण परियोजनाओं में तेजी आई है। संस्थान पिछले 50 वर्षों से विभिन्न रेलकर्मियों के बीच स्थायी तरीके, पुलों और अन्य संरचनाओं के ज्ञान के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
रेल राज्यमंत्री सुरेश अंगड़ी ने कहा कि भारत में रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण गति बढ़ी है। उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे की भारी निवेश वाली विभिन्न परियोजनाओं को 2030 के अंत में पूरी करने की योजना है। उन्होंने मानसून के दौरान रोड अंडर ब्रिज (आरयूबी) की स्थिति पर भी चर्चा की।
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव ने शनिवार को समापन सत्र को सम्बोधित करते हुए रेलवे की प्रमुख रेल योजनाओं पर ध्यान इंगित किया। यादव ने महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के कार्य को प्राथमिकता देने और कई कामों में संसाधनों का निवेश करने के बजाय अपने शुरुआती काम को सुनिश्चित करने के लिए रेल मंत्रालय के निर्णय को दोहराया।
दपरे के महाप्रबंधक अजयकुमार सिंह ने कहा कि इंजीनियरिंग विभाग रेलवे की रीढ़ है, और रेलवे पटरियों का रखरखाव ट्रेनों के सुरक्षित संचालन के लिए सबसे महत्वपूर्ण विशेषता है। सिंह ने कहा कि ट्रैकमेन को प्रोत्साहन के अवसर प्रदान किए जाने चाहिए। इस अवसर पर प्रधान मुख्य अभियंता विजय अग्रवाल उपस्थित थे। विभिन्न जोनल रेलवे, अन्य संगठनों और फर्मों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।
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