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वोक्कालिगा मतदाताओं को लुभाने में जुटे शाह,पहुंचे आदिचुनचनगिरी मठ

locationबैंगलोरPublished: Aug 14, 2017 04:51:00 am

राज्य मेंं पार्टी को सत्ता में वापस लाने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने अपने प्रदेश प्रवास के दौरान नए वोट बैंक की तलाश मेें जुटे हैं

ADI_CHUNCHANAGIRI_MATA

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बेंगलूरु. राज्य मेंं पार्टी को सत्ता में वापस लाने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने अपने प्रदेश प्रवास के दौरान नए वोट बैंक की तलाश मेें जुटे हैं। शाह अपने दौरे के दूसरे दिन मण्ड्या जिले के नागमंगला तालुक में स्थित आदिचुनचनगिरी मठ गए। यह राज्य में राजनीतिक रुप से लिंगायतों के बाद दूसरे सबसे प्रभावशाली माने जाने वाले वोक्कालिगा समुदाय के प्रमुख मठों में से है। वोककालिगा समुदाय के मतदाताओं की पुराने मैसूरु यानी दक्षिण कर्नाटक में अच्छी मौजूदगी और इस क्षेत्र में भाजपा का जनाधार अपेक्षाकृत कमजोर माना जाता है। लिंगायत समुदाय को राजनीतिक तौर पर भाजपा के साथ माना जाता है।


शाह ने मठ प्रमुख निर्मलानंदनाथ स्वामी से आशीर्वाद लिया और मठ द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में भाग लिया।
मठ पहुंचने पर शाह का परंपरागत तरीके से स्वागत किया गया। शाह ने मठ परिसर में स्थित कालभैरेश्वर मंदिर में पूजा में भाग लिया और पूर्व मठ प्रमुख बाल गंगाधरनाथ स्वामी की समाधि पर जाकर मत्था टेका। मठ परिसर में आयोजित एक कार्यक्रम में शाह ने जैन विश्व भारती विश्वविद्यालय, राजस्थान की पूर्व कुलपति डा. सुधामणि रघुनाथन द्वारा पूर्व मठ प्रमुख बालगंगाधरनाथ स्वामी की जीवनी पर लिखी पुस्तक द स्टोरी आफ ए गुरु का विमोचन किया।


पुस्तक का विमोचन करने के पश्चात शाह ने कहा कि आज का दिन उनके जीवन का अत्यंत्त प्रसन्नता से भरा दिन है क्योंकि वे पहली बार आदिचुनचनगिरी मठ में आए हैं और उन्हें बाल गंगाधरनाथ स्वामी के जीवन पर लिखी पुस्तक के विमोचन का अवसर देकर गौरवान्वित किया गया है। शाह ने कहा कि धार्मिक संस्थाओं व मठों ने प्राचीन काल से ही कल्याणकारी समाज की रचना में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की और यह मठ एक आदर्श की तरह खड़ा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्रसंघ की सभा में भारतीय संस्कृति को वैश्विक मान्यता दिलाने के लिए हर साल 21 जून को विश्व योगा दिवस मनाने का दबाव डाला और सफल रहे और विश्व योग दिवस पिछले तीन साल से मनाया जा रहा है। इसका श्रेय संतों व मठ प्रमुखों को जाता है जिन्होंने मोदी से अपील की थी। शाह ने कहा कि मौजूदा समय में जहां छोटे राज्य शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में जो लक्ष्य हासिल नहीं कर सके हैं उसे धार्मिक संस्थाएं व मठ हासिल कर रहे हैं। आदिचुनचनगिरी मठ ने इसे साबित करके दिखाया है।


शाह ने कहा कि उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि मठ 460 से अधिक शिक्षण संस्थाएंं चला रहा है जहां 1.35 लाख से अधिक विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। बेंगलूरु से आते वक्त ही मार्ग में उनको इस बात का पता चला कि बेंगलूरु के संस्थापक नाड़ प्रभु केम्पेगौड़ा भी इस मठ के अनुयायी थे और विजय नगर से आने के बाद उन्होंने भारतीय संस्कृति को ऊंचा रखने के लिए इस मठ को चुना।


इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार, डी.वी. सदानंद गौड़ा, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीएस येड्डियूरप्पा, विधानसभा में विपक्ष के नेता जगदीश शेट्टर, विधान परिषद में विपक्ष के नेता केएस ईश्वरप्पा, आर अशोक सहित अन्य नेता उनके साथ थे। शाह ने शाम को कनकपुर रोड स्थित आर्ट ऑफ लिविंग सेंटर जाकर श्रीश्री रविशंकर से भी भेंट की।

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