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कर्नाटक में भाजपा को झटका, कांग्रेस जीती

locationबैंगलोरPublished: Sep 11, 2018 07:35:19 pm

कांग्रेस के सुनील गौड़ा पाटिल भारी अंतर से विजयीविजयपुर स्थानीय निकाय क्षेत्र विप उपचुनाव

vijaypur bypoll

विजयपुर विधान परिषद (स्थानीय निकाय) उपचुनाव में विजयी सुनील गौड़ा को बधाई देते पूर्व मंत्री एस आर पाटिल।

बेंगलूरु. सत्तारुढ़ गठबंधन में भागीदार कांग्रेस ने भाजपा से विजयपुर विधान परिषद सीट (स्थानीय निकाय) छीन ली। भाजपा के सदस्य के इस्तीफे के कारण रिक्त हुए इस सीट के लिए उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार ने भाजपा को दो हजार से अधिक मतों के अंतर से हराया।
६ सितम्बर को हुए चुनाव की मतगणना मंगलवार को हुई। कांग्रेस के सुनील गौड़ा पाटिल ने भाजपा के गुलप्पा शटगार को 2040 मतों के अंतर हराया। पाटिल और शटगार सहित कुल 7 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे लेकिन इन दोनों उम्मीदवारों को छोड़कर बाकी पांच निर्दलीय उम्मीदवारों को कुल 59 मत ही प्राप्त हुए। कुल ७६५७ वैध मत पड़े। उपचुनाव में विजयपुर और बागलकोट जिले के स्थानीय निकायों के सदस्य मतदाता होते हैं और उनमें से 99.07 फीसदी ने मताधिकार का प्रयोग किया। कांग्रेस की सहयोगी पार्टी जद-एस ने उम्मीदवार नहीं उतारा था। सुनील पूर्व मंत्री एम बी पाटिल के भाई हैं।
यह सीट मई में हुए विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री बसवन गौड़ा पाटिल यत्नाल के त्याग पत्र के कारण रिक्त हुई थी। यत्नाल भाजपा के टिकट के पर विजयपुर से विधानसभा के लिए चुने गए हैं। पिछली बार यत्नाल निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर विधान परिषद के लिए चुने गए थे लेकिन बाद में बदले राजनीतिक हालात के कारण वे भाजपा में वापस लौट गए थे। विधानसभा चुनाव से पहले यत्नाल ने परिषद की सदस्यता से त्याग पत्र दे दिया था।
गौरतलब है कि कुमारस्वामी मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किए जाने एम बी पाटिल कांग्रेस से नाराज चल रहे हैं। सिद्धरामय्या सरकार के समय अगल लिंगायत धर्म के प्रस्ताव के समर्थक रहे पाटिल को गठबंधन सरकार मेंं शामिल नहीं किया गया था। पाटिल के बागी रूख अपनाने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी उन्हें बातचीत के लिए बुलाया था। इस दौरान उन्हें प्रदेश अध्यक्ष पद की पेशकश की गई लेकिन वे इसके लिए राजी नहीं हुए। पाटिल मंत्री बनाए जाने की मांग पर अड़े रहे, जिसके बाद आलाकमान ने उन्हें अगले विस्तार में मौका देने का भरोसा दिया। भाजपा के ऑपरेशन के तहत गठबंधन के विधायकों को तोडऩे की कोशिश से चिंतित कांग्रेस आलाकमान ने पाटिल को मनाने की कोशिश के तहत ही उनके भाई को टिकट दिया था।

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