गौरतलब है कि कुमारस्वामी मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किए जाने एम बी पाटिल कांग्रेस से नाराज चल रहे हैं। सिद्धरामय्या सरकार के समय अगल लिंगायत धर्म के प्रस्ताव के समर्थक रहे पाटिल को गठबंधन सरकार मेंं शामिल नहीं किया गया था। पाटिल के बागी रूख अपनाने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी उन्हें बातचीत के लिए बुलाया था। इस दौरान उन्हें प्रदेश अध्यक्ष पद की पेशकश की गई लेकिन वे इसके लिए राजी नहीं हुए। पाटिल मंत्री बनाए जाने की मांग पर अड़े रहे, जिसके बाद आलाकमान ने उन्हें अगले विस्तार में मौका देने का भरोसा दिया। भाजपा के ऑपरेशन के तहत गठबंधन के विधायकों को तोडऩे की कोशिश से चिंतित कांग्रेस आलाकमान ने पाटिल को मनाने की कोशिश के तहत ही उनके भाई को टिकट दिया था।