बैंगलोरPublished: Sep 17, 2023 06:06:55 pm
Nikhil Kumar
- कर्नाटक उच्च न्यायालय का आदेश
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कहा है कि निर्धारित अवधि के भीतर जन्म प्रमाण पत्र में बच्चे का नाम शामिल करने में विफल रहने वाले माता-पिता की गलती के लिए किसी बच्चे को पीड़ित नहीं किया जा सकता। अदालत ने अधिकारियों को 23 साल की उस युवती को संशोधित जन्म प्रमाण पत्र जारी करने का निर्देश दिया है क्योंकि उसके माता-पिता ने उसके जन्म के समय उसका नाम नहीं भरा था।