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बैंगलोर

सिद्धरामय्या ने खजाने पर बोझ माना लेकिन गारंटी योजनाएं बंद नहीं होंगी

हमारे 2024-25 के बजट में, हमने विकास कार्यों के लिए 1.20 करोड़ रुपए निर्धारित किए हैं। इसमें से 56,000 करोड़ रुपए गारंटी के लिए और 60,000 करोड़ रुपए से अधिक विकास कार्यों के लिए आवंटित किए गए हैं। स्वाभाविक रूप से, यह राज्य के खजाने पर बोझ होगा।सिद्धरामय्या ने कहा कि हम विकास कार्यों को रोके बिना प्रबंधन कर रहे हैं और हम सभी खर्चों को पूरा कर रहे हैं।

बैंगलोरNov 11, 2024 / 10:46 pm

Sanjay Kumar Kareer

बेंगलूरु. मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या ने स्वीकार किया कि उनकी सरकार द्वारा लागू की गई पांच गारंटियां राज्य के खजाने पर बोझ डाल रही हैं। लेकिन यह भी स्पष्ट कर दिया कि गारंटी योजनाएं बंद नहीं होगी और पांच साल तक जारी रहेंगी।
उनका बयान उस विवाद के बीच आया है जिसमें कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे ने अपनी पार्टी की राज्य इकाइयों को केवल वही वादे करने की सलाह दी थी जो राजकोषीय रूप से करने योग्य हों, जिन्हें कर्नाटक सहित कांग्रेस शासित राज्यों के संबंध में देखा गया था।
उन्होंने कहा कि हमारे 2024-25 के बजट में, हमने विकास कार्यों के लिए 1.20 करोड़ रुपए निर्धारित किए हैं। इसमें से 56,000 करोड़ रुपए गारंटी के लिए और 60,000 करोड़ रुपए से अधिक विकास कार्यों के लिए आवंटित किए गए हैं। स्वाभाविक रूप से, यह राज्य के खजाने पर बोझ होगा।सिद्धरामय्या ने कहा कि हम विकास कार्यों को रोके बिना प्रबंधन कर रहे हैं और हम सभी खर्चों को पूरा कर रहे हैं।
(पीएम) नरेंद्र मोदी ने खुद राजस्थान में बयान दिया था कि अगर ये गारंटी लागू की गई, तो कर्नाटक सरकार दिवालिया हो जाएगी और विकास कार्यों के लिए पैसा नहीं होगा। यही उन्होंने कहा था। हम मई 2023 में सत्ता में आए और हम उन्होंने सभी गारंटी योजनाओं को पूर्ण रूप से लागू किया है।

खरगे की टिप्पणी का गलत मतलब निकाला गया

चुनावी रियायतों पर खरगे की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर सिद्धरामय्या ने दावा किया कि उनके बयान का गलत मतलब निकाला गया। उन्होंने भाजपा के इन आरोपों को भी खारिज कर दिया कि कांग्रेस शासित हिमाचल प्रदेश और तेलंगाना की सरकारें कल्याणकारी योजनाओं के कार्यान्वयन के कारण सरकारी अधिकारियों को वेतन देने में असमर्थ हैं।
सिद्धरामय्या ने कहा कि रेवंत रेड्डी (तेलंगाना के मुख्यमंत्री), सुखविंदर सुक्खू (हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री) और डीके शिवकुमार (कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री) ने मीडिया को संबोधित किया और स्पष्ट किया था कि कोई भी विकास कार्य नहीं रोका गया है। उनकी सरकारों ने अपने अधिकारियों को वेतन दिया है।

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