उन्होंने कहा ‘हमारे मन में देवताओं, राम और मंदिरों का सम्मान है। हम उनका इस्तेमाल राजनीति और वोट के लिए नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि बिना सरकारी निर्देश मैसूरु के जिलाधिकारी और तहसीलदार मंदिर को ध्वस्त नहीं कर सकते थे। ऐसा नहीं हो सकता कि मुख्य सचिव ने इस बारे में जिलाधिकारियों को लिखा। लेकिन, सरकार को इसके बारे में पता नहीं होगा। सरकार को इसके बारे में पता था।
मैसूरु जिला प्रशासन की कार्रवाई गलत
उधर, इस पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री केएस ईश्वरप्पा ने कहा कि वह खुश हैं कि कांग्रेस हिंदू मंदिरों के लिए चिंता दिखा रही है। मैसूरु जिलाधिकारी ने जो किया वह गलत है। उन्होंने संबंधित मंत्री से बात नहीं की। भाजपा भारतीय संस्कृति में विश्वास करती है। इसलिए लोगों ने भाजपा को चुना।
सार्वजनिक स्थानों पर अनधिकृत धार्मिक संरचनाओं को हटाने संबंधी सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कार्रवाई करने के लिए जिलाधिकारियों को मुख्य सचिव द्वारा लिखे गए पत्र के बारे में पूछे जाने पर, ईश्वरप्पा ने कहा ‘सुप्रीम कोर्ट के आदेश में मस्जिदों और चर्चों को भी शामिल किया गया है। केवल मंदिरों को ही क्यों हटाया गया, मुझे नहीं पता। मैं धार्मिक ढांचों के इस वर्गीकरण में नहीं पडऩा चाहता। भाजपा सरकार सभी धर्मों के ढांचे की रक्षा करेगी। हमें यह कैसे करना चाहिए, इस पर मुख्यमंत्री से चर्चा की जाएगी। ईश्वरप्पा ने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के निर्देश को दोहराया जो उन्होंने जिलाधिकारियों को इस संदर्भ में दिए हैं।