गठबंधन धर्म के कारण चुप हूं: सिद्धरामय्या
दरअसल, सिद्धरामय्या को मुख्यमंत्री बनाए जाने को लेकर कांग्रेस की ओर से उठ रही मांगों पर जद-एस नेतृत्व चिढ़ा हुआ है। इसी को लेकर पहले तो एएच विश्वनाथ और सिद्धरामय्या ने एक-दूसरे पर ‘गठबंधन धर्मÓ का पालन नहीं करने के आरोप लगाए। विश्वनाथ ने जहां इन मांगों को ‘चाटुकारिताÓ करार दिया और मुख्यमंत्री के तौर पर सिद्धरामय्या की उपलब्धियों पर सवाल उठाए वहीं सिद्धरामय्या ने इसे ‘ईष्र्या भरे बयानÓ बताते हुए समन्वय समिति की बैठक में मुद्दे को उठाने की बात कही। सिद्धरामय्या कांग्रेस-जद-एस समन्वय समिति के प्रमुख भी हैं। सिद्धरामय्या ने सोमवार को फिर कहा कि गठबंधन के कारण उनकी जुबान बंद है अथवा जवाब वे भी दे सकते हैं।सोशल मीडिया पर ट्वीट कर उन्होंने कहा ‘पहले उच्च शिक्षा मंत्री जी टी देवगौड़ा और अब विश्वनाथ। पता नहीं अगला कौन होगा? बेहतर होगा कि जद-एस के वरिष्ठ नेता इस पर गौर करें। गठबंधन धर्म उन्हें विश्वनाथ की गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणियों के खिलाफ खुलकर बोलने से रोक रहा है। विश्वनाथ ऐसे बयानों के लिए मशहूर हैं। ईश्वर उन्हें सदबुद्धि दे।’
समन्वय समिति प्रमुख के तौर पर सिद्धरामय्या ने किया ही क्या: विश्वनाथ
जद-एस नेता एएच विश्वनाथ ने इस ट्वीट के बाद फिर एक बार सिद्धरामय्या पर पलटवार किया और सवाल किया कि कांग्रेस-जद-एस समन्वय समिति के प्रमुख के तौर पर सिद्धरामय्या ने किया ही क्या है? पत्रकारों से बातचीत करते हुए विश्वनाथ ने कहा कि ‘गठबंधन धर्म के लिए समन्वय समिति बनाई गई है। समन्वय समिति में चर्चा करें। आप उसके अध्यक्ष हैं। आपको समन्वय समिति में यह कहने से किसने रोका है कि आप मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं।Ó विश्वनाथ ने यह भी कहा कि समन्वय समिति पिछले एक साल में न्यूनतम साझा कार्यक्रम तक तय नहीं कर पाई। समन्वय समिति को सरकार के दोनों गठबंधन साझीदारों जद-एस और कांग्रेस के बीच समन्वय करना है। आप तैयार ही नहीं हैं। आप मुझ पर गैर-जिम्मेदार होने के आरोप लगा रहे हैं।Ó जद (एस) नेता ने कहा कि सिद्धरामय्या एक साल से समन्वय समिति के अध्यक्ष हैं, लेकिन अब तक साझा न्यूनतम कार्यक्रम तैयार नहीं किया जा सका है। यह तय ही नहीं है कि सरकार को किस दिशा में आगे बढऩा चाहिए। सरकार के कार्यक्रम क्या होने चाहिए और दोनों पार्टियों को किस सिद्धांत पर कदम बढ़ाना चाहिए। विश्वनाथ ने इस बात पर भी जोर दिया कि यदि सिद्धरामय्या के फिर से मुख्यमंत्री बनने की कोई संभावना है तो वह 2022 में ही है, उससे पहले नहीं।
सिद्धरामय्या और एएच विश्वनाथ के बीच तेज हुई जुबानी जंग के बीच वरिष्ठ कांग्रेस नेता व उपमुख्यमंत्री डॉ जी.परमेश्वर ने विवादित बयानों के लिए एएच विश्वनाथ को जिम्मेदार ठहराया तो कांग्रेस के ही मंत्री जमीर अहमद खान, सिद्धरामय्या समर्थक विधायक एसटी सोमशेखर और कोलार के विधायक नंजेगौड़ा ने भी विश्वनाथ के खिलाफ तीखी बयानबाजी की। वहीं, जद-एस की ओर से राज्य सभा सांसद कुपेंद्र रेड्डी और मंत्री सीएस पुट्टराजू आगे आए।