मुख्यमंत्री ने कहा कि, राज्य सरकार किसानों को 5 लाख रुपए तक के कृषि ऋण बिना ब्याज के प्रदान करती है। वहीं, 10 से 15 लाख रुपए के ऋण पर केवल 3 फीसदी ब्याज लेती है। केंद्र सरकार भी ऐसा क्यों नहीं कर सकती है। उन्होंने फिर एक बार आरोप लगाया कि, केंद्रीय करों में हिस्सेदारी और अनुदानों के आवंटन में राज्य के साथ अन्याय हो रहा है। केंद्र सरकार को करों के रूप में लगभग 4.5 लाख करोड़ रुपए राज्य से मिलता है लेकिन, बदले में राज्य को केवल 60 हजार करोड़ रुपए मिलते हैं। इन मामलों पर एचडी कुमारस्वामी और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा की चुप्पी पर भी उन्होंने सवाल खड़े किए।