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नाबार्ड से मिलने वाले ऋण में कटौती पर सिद्धरामय्या ने जताई नाराजगी

केंद्रीय मंत्रियों और देवगौड़ा की चुप्पी पर भी उठाए सवाल

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राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) से मिलने वाले ऋण में कटौती पर मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या ने केंद्र सरकार के प्रति नाराजगी जताई है। केंद्र सरकार के कथित भेदभाव पूर्ण रवैये की आलोचना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि, इस साल नाबार्ड से मिलने वाला ऋण घटकर 3240 करोड़ रुपए रह गया है। पिछले साल यह 5600 करोड़ रुपए था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर नाबार्ड से किसानों को मिलने वाले ऋण में कटौती नहीं करने का अनुरोध किया था। क्योंकि, यह किसानों के साथ अन्याय और धोखा होगा। लेकिन, इसमें 58 प्रतिशत की कटौती की गई है। केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी और प्रहलाद जोशी पर निशाना साधते हुए सिद्धरामय्या ने कहा कि, वे क्या कर रहे हैं?

भेदभाव के लगाए आरोप
मुख्यमंत्री ने कहा कि, राज्य सरकार किसानों को 5 लाख रुपए तक के कृषि ऋण बिना ब्याज के प्रदान करती है। वहीं, 10 से 15 लाख रुपए के ऋण पर केवल 3 फीसदी ब्याज लेती है। केंद्र सरकार भी ऐसा क्यों नहीं कर सकती है। उन्होंने फिर एक बार आरोप लगाया कि, केंद्रीय करों में हिस्सेदारी और अनुदानों के आवंटन में राज्य के साथ अन्याय हो रहा है। केंद्र सरकार को करों के रूप में लगभग 4.5 लाख करोड़ रुपए राज्य से मिलता है लेकिन, बदले में राज्य को केवल 60 हजार करोड़ रुपए मिलते हैं। इन मामलों पर एचडी कुमारस्वामी और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा की चुप्पी पर भी उन्होंने सवाल खड़े किए।