चौदहवीं विधानसभा चुनाव के बाद सिद्धरामय्या ने मुख्यमंत्री के तौर पर १३ मई २०१३ को शपथ ली थी और रविवार को उन्होंने पांच साल का कार्यकाल पूरा कर लिया। १९५२ से लेकर अब तक पांच साल का कार्यकाल पूरा करने वाले सिद्धरामय्या दूसरे मुख्यमंत्री हैं। उनसे पहले डी देवराज अर्स १९७२ से १९७७ के बीच एक कार्यकाल में लगातार पांच साल तक पद पर रहे थे। संयोगवश सिद्धरामय्या की तरह अर्स भी मैसूरु जिले के ही थे। 1978 से कोई भी मुख्यमंत्री लगातार पांच साल तक पद पर नहीं रहा।
कुछ सत्तारूढ़ दल के अंदरुनी कलह के कारण पांच साल से पहले ही पद से हट गए तो कुछ आरोपों में घिरे होने के कारण त्यागपत्र देने को मजबूर हुए। वर्ष 1978 से अभी तक लगभग 40 साल की अवधि में राज्य में 19 नई सरकारें बनीं तो चार बार राष्ट्रपति शासन भी लगे। किसी एक मुख्यमंत्री के पांच साल पूरा नहीं कर पाने का यह सिलसिला भी अर्स के समय से ही शुरू हुआ। अर्स वर्ष 1978 में दूसरी बार मुख्यमंत्री चुने गए लेकिन दो वर्ष बाद ही सत्तारुढ़ दल के भीतर उपजे असंतोष के कारण 1980 में उन्हें बाहर होना पड़ा। इस दौरान एक मौका ऐसा आया जब एसएम कृष्णा ने राज्य में वर्ष 1999 से 2004 के बीच स्थायी सरकार दी लेकिन वे भी लगातार पांच साल पूरा नहीं कर पाए क्योंकि उन्होंने पांच महीने पहले ही चुनाव कराने का फैसला कर लिया।
सबसे अधिक दिन सीएम रहे अर्स
पांच साल का एक कार्यकाल पूरा करने के साथ ही इस पद पर रहे नेताओं के मामले में सिद्धरामय्या चौथे स्थान पर आ गए हैं। सबसे अधिक २७८८ दिन मुख्यमंत्री रहने का रिकार्ड अर्स के नाम है, जो दो बार मुख्यमंत्री रहे। अर्स २० मार्च १९७२ से ३१ दिसम्बर १९७७ और २८ फरवरी १९७८ से ७ जनवरी १९८० के दौरान मुख्यमंत्री रहे। इसके बाद चार बार मुख्यमंत्री बने एस निजलिंगप्पा २७२६ दिन पद पर रहे। निजलिंगप्पा अलग-अलग विधानसभाओं में ०१ नवम्बर १९५६ से १६ मई १९५८ और २१ जून १९६२ से २८ मई १९६८ के बीच मुख्यमंत्री रहे।
तीन बार मुख्यमंत्री बने रामकृष्ण हेगड़े १९६७ दिन पर रहे। हेगड़े १० जनवरी १९८३ से २९ दिसम्बर १९८४, ०८ मार्च १९८५ से १३ फरवरी १९८६, १६ फरवरी १९८६ से १० अगस्त १९८८ के बीच मुख्यमंत्री रहे। सिद्धरामय्या १८२७ दिन पद पर रहने के साथ इस मामले में चौथे स्थान पर हैं। अगर कांग्रेस इस बार चुनाव में कांग्रेस जीतती है और सिद्धरामय्या दुबारा मुख्यमंत्री बनते हैं तो वे हेगड़े का रिकार्ड तोड़ेंगे। आखिरी बार १९८५ में हेगड़े के नेतृत्व में जनता पार्टी ने लगातार दूसरी बार सत्ता में वापसी की थी।
कई मिथकों को भी तोड़ा : सिद्धरामय्या ने अपने कार्यकाल में कई मिथकों को तोड़ा चाहे वह चामराजनगर जिले के दौरे का मामला हो अथवा सरकारी आवास कावेरी में रहने का। मुख्यमंत्री रहते हुए सिद्धरामय्या ने नौ बार चामराजनगर का दौरा किया। राजनीतिक हलकों में यह मिथक था कि चामराजनगर का दौरा करने के बाद मुख्यमंत्री की गद्दी सुरक्षित नहीं रहती है। कावेरी आवास का मिथक भी तोड़ा।
उपलब्धियों से खुश
मुख्यमंत्री के तौर पर पांच साल पूरा करने पर काफी खुशी हो रही है। अपनी उपलब्धियों से खुश हूं। हमने काफी कुछ किया है। कुछ काम हैं जिन्हें हम बेहतर कर सकते हैं और कुछ काम हैं जिसे किया जाना चाहिए। मैं और बेहतर करने के लिए आपके समर्थन और प्यार की उम्मीद करता हूं। सिद्धरामय्या, मुख्यमंत्री, (ट्वीट)